जगदलपुर। बस्तर जिले में मसीही समुदाय को स्थायी कब्रिस्तान भूमि आवंटन की मांग को लेकर आज समुदाय से जुड़े प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने एकजुट होकर बस्तर पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने समुदाय को हो रही असुविधाओं और संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन की जानकारी देते हुए ज्ञापन सौंपा।
इस प्रतिनिधिमंडल में बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के संयोजक नवनीत चांद, जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सेमीयल नाथ, पार्षद सूर्या पानी, पार्षद श्रीमती जोस्टीन भवानी, बस्तर मुक्ति मोर्चा के नगर मंडल अध्यक्ष मेहताब सिंह, अनिमेष दास, हिमांशु आनंद, जेवियर जॉन, के. आकाश जॉन, दलसाय नाग, भोला शंकर बघेल और श्री अब्राहम समेत कई प्रमुख नेता शामिल रहे।
नेताओं ने बताया कि आजादी से पहले और 2020 तक ईसाई समुदाय के मृतकों का अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण ढंग से होता रहा है। लेकिन पिछले चार वर्षों से कुछ राजनीतिक स्वार्थी तत्वों द्वारा ग्राम पंचायत अधिनियम की गलत व्याख्या कर कफन-दफन की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाई जा रही है, जो अमानवीय और असंवैधानिक है।
ज्ञापन में बकावंड निवासी मृतक अजय बघेल सहित कई अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि प्रशासन की निष्क्रियता और सहयोग की कमी के कारण करका पाल कब्रिस्तान में अब तक 140 से अधिक शव अस्थायी रूप से दफनाए जा चुके हैं, और वहां अब स्थान शेष नहीं है।
साथ ही, ज्ञापन में ग्राम जाटम में ईसाई समुदाय द्वारा 2008 में खरीदी गई 7 एकड़ भूमि पर अब तक NOC न दिए जाने की बात उठाई गई है। नेताओं ने इस भूमि पर शीघ्र NOC जारी कर स्थायी कब्रिस्तान आवंटित करने की मांग की।
इससे पूर्व इसी मांग को लेकर जिला कलेक्टर से भी चर्चा की जा चुकी है। नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों का हवाला देते हुए मसीही समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और सम्मानजनक कफन-दफन की व्यवस्था की मांग की।
मुलाकात के दौरान बस्तर के विभिन्न वार्डों और संगठनों से जुड़े कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे और उन्होंने इस गंभीर समस्या के शीघ्र समाधान की अपील की।
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