बस्तर में पेयजल संकट गंभीर, सरकार पर उठे सवाल
जगदलपुर।
ग्राम कोरपाल में लंबे समय से चल रही पेयजल समस्या को लेकर ग्रामीणों ने बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में मंगलवार को कलेक्टर से मुलाकात की और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों की मांग है कि नल-जल योजना के तहत तैयार किए गए सोलर टैंकों को पाइपलाइन से जोड़कर जल आपूर्ति शुरू की जाए।
बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के प्रमुख नेता नवनीत चांद ने बताया कि कोरपाल की समस्या कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि समूचा बस्तर आज पेयजल संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।”
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि ग्राम तुसेल के आश्रित ग्राम कोरपाल में बीते दो वर्षों में छह सोलर टैंकर तैयार कर दिए गए हैं। डोंगरीपार, राउतपारा, कोटू पार, आमाडोंगरी, बाकटीपारा और पुजारीपारा में पाइपलाइन बिछा दी गई है, लेकिन अब तक सोलर टैंकों से कनेक्शन नहीं जोड़ा गया है। परिणामस्वरूप ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
नेताओं ने आरोप लगाया कि पीएचई विभाग से संपर्क करने पर भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलता और न ही कोई ठोस कार्रवाई हो रही है। उन्होंने शासन-प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि आम जनता की पीड़ा को नजरअंदाज किया जा रहा है।
नवनीत चांद ने स्पष्ट किया कि बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा किसी राजनीतिक स्वार्थ से नहीं, बल्कि आम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि बस्तर के गांव, खेत, सड़क और आदिवासी जीवन की समस्याओं का अंत हो। यह लड़ाई हम लगातार जारी रखेंगे।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द जल आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है ताकि गर्मी के इस भीषण मौसम में लोगों को राहत मिल सके।
