जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति को पेंड्रा में रात के अंधेरे में गिरा देने की घटना से बस्तर में गहरा रोष व्याप्त है। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के प्रमुख संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के बस्तर संभाग अध्यक्ष नवनीत चाँद के नेतृत्व में बस्तर संभाग के सभी जिलों में विरोध स्वरूप प्रदर्शन किया गया और कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
नवनीत चाँद ने इस घटना को अमानवीय, अवैध और गैरसंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल स्वर्गीय अजीत जोगी जैसे महान नेता का अपमान है, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत पर आघात भी है। उन्होंने मांग की कि दोषियों की तत्काल पहचान कर उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन के माध्यम से मोर्चा ने निम्नलिखित मांगें रखीं:
- घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।
- दोषियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही हो।
- जिस स्थल पर मूर्ति तोड़ी गई, वहां पुनः मूर्ति की स्थापना की जाए और सुरक्षा के उचित उपाय किए जाएं।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु सख्त निर्देश जारी किए जाएं।
नवनीत चाँद ने यह भी मांग की कि न केवल मरवाही या पेंड्रा में, बल्कि पूरे राज्य के हर जिले में स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति स्थापित की जाए ताकि उनके योगदान को सम्मान दिया जा सके और लोगों को प्रेरणा मिल सके।
इस ज्ञापन सौंपने के दौरान मोर्चा के पदाधिकारी एवं सामाजिक प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। प्रमुख उपस्थित जनों में संरक्षक– संभागीय अध्यक्ष नवनीत चाँद, अध्यक्ष– किशोर कुमार, उपाध्यक्ष– धनंजय कुमार सिंह, श्याम राठौरिया, पूर्णिमा मंडल, सचिव– राजेश गुप्ता, कोषाध्यक्ष– दुर्गेश प्रताप सिंह, सह सचिव– घुनेश दीपक, शफीक खान, कार्यकारिणी सदस्य– दुर्गेश तीलनते, जितेश शर्मा, मोह. नियाज, आलम खान, मोह. अरमान शाकिब आदि शामिल रहे।
बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती और मूर्ति की पुनः स्थापना नहीं की जाती, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है।
