जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना ही असली चुनौती
संवाददाता – सौरभ साहू N भारत न्यूज
लोकेशन – अम्बिकापुर, जिला सरगुजा (छत्तीसगढ़)
राजनीतिक विश्लेषण | संतोष दास ‘सरल’
सरगुजा। छत्तीसगढ़ की राजनीति में हाल ही में हुए दो बड़े घटनाक्रमों ने सबका ध्यान खींचा है। पहला – भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार, और दूसरा – प्रदेश भाजपा संगठन की कार्यसमिति की घोषणा। इन दोनों में ही सरगुजा को मिला महत्व ऐतिहासिक माना जा रहा है।
मंत्रिमंडल विस्तार में अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल को केबिनेट मंत्री बनाया गया, तो वहीं भाजपा संगठन में अखिलेश सोनी को प्रदेश महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। अप्रत्याशित रूप से एक साथ मंत्री और महामंत्री दोनों पद सरगुजा के हिस्से आना पहली बार हुआ है।
कांग्रेस सरकार बनाम वर्तमान सरकार
2018 में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार में सरगुजा को एक उपमुख्यमंत्री, एक कैबिनेट मंत्री और चार कैबिनेट दर्जाधारी अध्यक्ष सहित रिकॉर्ड छह लालबत्तियां मिली थीं। वर्तमान विष्णु देव साय सरकार में अब तक सरगुजा को एक केबिनेट मंत्री, गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष, युवा आयोग अध्यक्ष और भाजपा संगठन में महामंत्री का अहम पद मिला है।
यानी सत्ता और संगठन – दोनों में सरगुजा को संतुलित प्रतिनिधित्व दिया गया है।
जनता की उम्मीदें और चुनौतियाँ
जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं में इस नियुक्ति को लेकर उत्साह है, लेकिन आम जनता अब सरगुजा के सर्वांगीण विकास को लेकर उम्मीदें लगाए बैठी है। बरसात के मौसम में सड़कों की बदहाल हालत और बुनियादी समस्याएँ सरकार व संगठन के लिए बड़ी चुनौती हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि जनता को केवल लालबत्ती नहीं, बल्कि बेहतर काम चाहिए।
2018 के विधानसभा चुनावों का उदाहरण सबके सामने है – कांग्रेस ने 90 में से 75 सीटें जीतकर इतिहास बनाया |
