📍 तिरुवनंतपुरम, 22 जुलाई | यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फिलहाल राहत मिल गई है। 16 जुलाई को तय फांसी से एक दिन पहले इसे टाल दिया गया। अब उनकी रिहाई को लेकर दूसरे चरण की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
निमिषा को यमन की अदालत ने अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, निमिषा ने तलाल को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया और फिर उसके शरीर को टुकड़ों में काटकर एक भूमिगत टैंक में फेंक दिया था। यह मामला व्यक्तिगत और व्यावसायिक विवादों से जुड़ा था।
🔹 16 जुलाई की फांसी कैसे टली?
केरल के प्रतिष्ठित मुस्लिम स्कॉलर और भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के प्रयासों से यह फांसी एक दिन पहले रोक दी गई। मुफ्ती के करीबी सहयोगी जवाद मुस्तफावी ने बताया कि उन्होंने यमन के प्रसिद्ध सूफी धर्मगुरु शेख हबीब उमर से संपर्क किया, जिनके हस्तक्षेप से मामला आगे बढ़ा।
🔹 अब क्या होगा?
अब दूसरे चरण में यमन के नागरिकों की एक टीम, जिनमें महिलाएं भी शामिल होंगी, मृतक के परिजनों से संपर्क कर मामले को सुलझाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, मुफ्ती की ओर से भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर एक प्रतिनिधिमंडल को यमन भेजने की अनुमति मांगी गई है।
इस प्रतिनिधिमंडल में:
- निमिषा एक्शन काउंसिल के सदस्य
- दिल्ली के वकील सुभाष चंद्र
- मुफ्ती द्वारा नामित दो प्रतिनिधि
शामिल होंगे।
🔹 परिवार और समाज की भूमिका
निमिषा के परिवार, सामाजिक संगठनों और नेताओं द्वारा एक ज्ञापन तैयार किया जा रहा है, जिसे यमन सरकार को सौंपा जाएगा। इसका उद्देश्य है – यमन सरकार को धन्यवाद देना और मामले को मानवता के दृष्टिकोण से हल करने की अपील करना।
🕊️ क्या रिहाई संभव है?
अब सबकी नजर भारत सरकार पर है – क्या केंद्र सरकार इस मानवीय पहल में सक्रिय भूमिका निभाएगी? क्या निमिषा को जीवनदान मिलेगा? आने वाले दिन इस पर प्रकाश डालेंगे।
📌 N. भारत न्यूज़ इस मानवीय पहल को नज़दीक से देख रहा है। जुड़े रहिए हमारे साथ – हर अपडेट सबसे पहले!
