एन भारत न्यूज | बिलासपुर
नए आपराधिक कानूनों के साथ जांच-पड़ताल भी हुई हाई-टेक
भारत में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के तहत पुलिस जांच में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब अपराध के सबूत सिर्फ फाइलों में बंद दस्तावेज नहीं होंगे, बल्कि ‘ई-साक्ष्य ऐप’ के जरिए घटनास्थल से ही डिजिटल सबूत जुटाकर उन्हें रील्स और स्टोरी की तरह अदालत में पेश किया जाएगा।
विजुअल स्टोरी बनेगा सबूत
पुलिस अब घटनास्थल की तस्वीरों और वीडियो को महज रिकॉर्ड की तरह नहीं, बल्कि एक पूरी कहानी की तरह प्रस्तुत करेगी। इसके लिए जांच अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे फोटो-वीडियो रिकॉर्ड करें, उन्हें ई-साक्ष्य ऐप में अपलोड करें और डिजिटल सबूतों को प्रभावशाली ढंग से संरक्षित करें।
क्रिएटिव रील्स से मिलेगा न्याय को मजबूती
ट्रेनिंग में खास जोर इस बात पर है कि कैसे क्रिएटिव स्टोरी और रील्स तैयार की जाएं, ताकि सबूत अदालत में ज्यादा सटीक और प्रभावी लगें। यह कदम तकनीकी रूप से न सिर्फ विवेचना को सुदृढ़ करेगा, बल्कि जजों और वकीलों को भी घटना की स्पष्ट समझ देगा।
‘ई-साक्ष्य ऐप’ कैसे करेगा काम?
- अपराध स्थल की फोटो और वीडियो तुरंत रिकॉर्ड की जाएंगी।
- ज़रूरी दस्तावेजों को स्कैन कर ऐप में अपलोड किया जाएगा।
- सभी सबूत जियो-टैग और टाइम-स्टैम्प के साथ सुरक्षित रहेंगे।
एसएसपी ने दिए निर्देश
रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जिले के सभी थानों को इस डिजिटल पहल में दक्ष बनने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत व्यापक स्तर पर ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जा रहे हैं।
इस आधुनिक प्रणाली से पुलिस जांच न सिर्फ तेज़ और पारदर्शी होगी, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया भी तकनीक के साथ अधिक मजबूत और प्रभावशाली बन सकेगी।
✍️ रवि शंकर गुप्ता
संपादक – एन भारत न्यूज
