N bharat,,,,सूरजपुर :– यूकेलिप्टस पेड़ अब तो धड़ल्ले, और धांधली के साथ काटा जा रहा न कोई परमिशन, और नही किसी का डर, सोर्स के दम पर इतना पैर पसार चुके हैं ये लोग। जबकि जनता का कहना है नीलगिरी के आड़ में और भी इमारती लकड़ी काट कर उत्तरप्रदेश भेजा जा रहा है। बीते रात कुछ इसी तरह का देखने को मिला, एक ट्रैक्टर ट्राली UP 20 BP 4635 न. जो अवैध तरीके से लकड़ी ओवर लोड भर कर तस्करों द्वारा ले जा रहे थे, जैसे ही सूरजपुर के तहसीलदार को सूचना मिली, खुद पहुंच कर लकड़ी तस्करों से दस्तावेज मांगे, किसके परमिशन से काट कर ले जा रहे, कहा से ला रहे, क्या कोई दस्तावेज है, तस्करों के पास लकड़ी काटने या परिवहन करने का किसी प्रकार का कागज, परमिशन नहीं मिला, जिसे तहसीलदार ने जप्ती कर पटवारी द्वारा पंचनामा बनाया गया और सूरजपुर कोतवाली में लकड़ी सहित गाड़ी सुपुर्द करा दिया गया।
बाहर से आए लकड़ी तस्कर के हौसले सातवें आसमान पर,
लकड़ी तस्करों की हौसले इतने बुलंद कैसे, अधिकारी द्वारा दस्तावेज मांगने पर इनका जवाब, अभी नही है बाद में दिखा देंगे। किसी तरह का दस्तावेज नहीं मिलने पर, ट्रैक्टर ट्राली को थाने लेके चलो तब ये जवाब देते हैं, थाना से कोई आयेगा या बोलेगा तब लेके जाएंगे,, सूरजपुर के नए तहसीलदार ने इनकी सारी हेकड़ी निकालते हुए गाड़ी को सूरजपुर कोतवाली में सुपुर्द करा दिया।
क्या बड़े नेताओं के संरक्षण में लकड़ी तस्करी की जा रही?
नीलगिरी के नाम पर सारे नियम, कानून, को ताख़ में रख कर चल रहे, लकड़ी तस्करों का साफ लफ्जों में कहना है, गाड़ी कोई भी पकड़ ले या पकड़वा दे हम दो घंटे में छुड़वा लेंगे, उत्तरप्रदेश से यूंही नहीं आ कर काम कर रहे, हमारा यहां बहुत पकड़ हैं, और बड़े पैमाने में धड़ल्ले से काम करते हैं, जिसे जो करना है करो दो घंटे या अधिक से अधिक दो दिन, इससे जादा नहीं लगेगा गाड़ी छुड़वाने में।
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है, ये लकड़ी तस्कर यहां के बड़े नेता से टच बना लिए हैं, यहां तक कहना है सूत्र का हर महीने बड़े नेताओं को पैसा पहुंचाते हैं, लकड़ी खरीददार पर्री में इसका भंडारण का अड्डा बनाया है, अवैध लकड़ी पकड़ा भी जाता है तो, काफी पहुंच वाले नेता द्वारा नेतागिरी का धौंस, दिखा कर या मामूली कार्यवाही करवा कर छुड़वा लिया जाता है। कुछ दिन पहले इसकी एक और गाड़ी पकड़ाई थी लगभग इसी तरह, लेकिन बड़े नेता के एक फोन से छुड़वा लिया गया, पैसों के आड़ में मानो एक धाक सा बना लिया है। और छत्तीसगढ़ उत्तरप्रदेश कि सीमा (बार्डर) में इनका तगड़ा सेटिंग है, पर गाड़ी में….?
अब देखने वाली बात ये है कि क्या, अधिकारी कड़ी कार्यवाही करते हैं, की दिखावा के लिए मामूली कार्रवाई, फिर और हौसले बुलंद, या फिर लकड़ी माफियाओं का कहना सत्य साबित होता है?…
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