रायपुर में पत्रकारों पर हमला, विरोध में मुख्यमंत्री आवास का घेराव
रायपुर, 26 मई। राजधानी रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल रविवार देर रात उस समय अराजकता का केंद्र बन गया, जब एक न्यूज चैनल की टीम घायल व्यक्ति की चाकूबाजी मामले में रिपोर्टिंग करने पहुंची। रिपोर्टिंग को रोकने के लिए तैनात बाउंसरों ने पत्रकारों के साथ मारपीट शुरू कर दी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस की मौजूदगी में भी पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की और धमकियां जारी रहीं।
घटना की सूचना मिलते ही रायपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारी और अन्य पत्रकार मौके पर पहुंचे, लेकिन बाउंसरों का आक्रामक रवैया थमा नहीं। इस दौरान अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बाउंसर एजेंसी संचालक वसीम बाबू और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, वसीम बाबू पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा था और पत्रकारों को खुलेआम धमका रहा था। उसके घर से पिस्तौल और जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, महिला सुरक्षा कर्मियों को भी अस्पताल गेट से बाहर निकाल कर पत्रकारों की ओर धकेला गया। मौदहापारा थाना में इस मामले में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
घटना के विरोध में पत्रकारों ने तीन घंटे तक अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और तत्पर कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा, “पत्रकारों को धमकाने और मारपीट करने वालों को मिट्टी में मिला देंगे। कानून से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” वहीं, अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने भी बाउंसर एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा और अस्पताल में अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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