संविदा नियुक्ति से नाराज़ अधिकारी-कर्मचारी, वित्त मंत्री को लिखा पत्र
पदोन्नति की अनदेखी पर जताया आक्रोश, नियुक्ति रद्द करने की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा संवर्ग में संविदा नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है। हाल ही में कोषालयीन सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति को प्रभावित करते हुए सेवानिवृत्त अधिकारी को संविदा पर नियुक्त किए जाने से नाराज़ कर्मचारी संघ ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी को पत्र लिखकर गंभीर आपत्ति जताई है।
संघ ने आरोप लगाया है कि वित्त विभाग के अपर सचिव रहे अखिलेश कुमार सिंह को सेवा निवृत्ति के तुरंत बाद, 1 अप्रैल 2025 से ही संचालनालय पेंशन एवं भविष्य निधि में वित्त नियंत्रक पद पर संविदा नियुक्ति दे दी गई है। जबकि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के तहत इस तरह की नियुक्ति तभी की जा सकती है जब पदोन्नति से उस पद को भरना संभव न हो – या अर्ह अधिकारी उपलब्ध न हों।
कर्मचारी संघ ने पत्र में लिखा है कि विभाग में इस पद के लिए कई पात्र और योग्य अधिकारी उपलब्ध हैं, जो लगातार पदोन्नति के लिए निवेदन कर रहे हैं। इसके बावजूद पदोन्नति को दरकिनार कर नियमों के विरुद्ध संविदा नियुक्ति की जा रही है।
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि संविदा पर नियुक्त किए गए अधिकारी खुद पदोन्नति प्रक्रिया को जानबूझकर लंबित रखे हुए हैं। 2022 और 2023 की पदोन्नति एवं पदस्थापना भी इन्हीं के कार्यकाल में लटकी रही। उन्होंने स्थापना शाखा के प्रभारी रहते हुए नियमों को तोड़कर खुद के लिए संविदा नियुक्ति सुनिश्चित की है।
कर्मचारी संघ ने वित्त मंत्री से मांग की है कि नियमों की अवहेलना कर की गई इस संविदा नियुक्ति को तत्काल रद्द किया जाए और योग्य अधिकारियों को पदोन्नति देकर न्याय किया जाए। संघ ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व में लोक निर्माण विभाग में एस. एन. श्रीवास्तव को इसी तरह संविदा नियुक्ति दी गई थी, जिसे कर्मचारी विरोध के बाद जीएडी ने निरस्त कर दिया था।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं।
