N Bharat News,,,,,रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में राजधानी रायपुर में भाजपा ने अपनी ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली है। जबकि कांग्रेस पार्टी का पूरी तरह से हर चुनाव में चाहे विधानसभा चुनाव, लोकसभा या नगरीय निकाय हो सभी तरफ से सुपड़ा साफ हो चुका है। जबकि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
कांग्रेस पार्टी का छत्तीसगढ़ में हर चुनाव में हार का कारण देखा जाए तो पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन काल में दर्जनों घपले, घोटाले हैं जिसे जनता ने भाजपा को मौका देकर अपना जवाब दिया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की जमकर उपेक्षा हुई जिससे आहत होकर कई बड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपमान ना बर्दाश्त कर भाजपा का दामन थाम लिए। जनता के पैसे की जमकर लूट भी भूपेश बघेल के शासन काल में हुई। शराब घोटाला, कोयला घोटाला,PSC घोटाला, महादेव ऐप सट्टा घोटाला,राशन घोटाला, जैसे दर्जनों घोटाले को कांग्रेस शासनकाल में अंजाम दिया गया, यही नही जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट तक को नही छोड़ा गया और उसमें भी घोटाले किए गए। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपमान, अपने पसंदीदाओं पर ही विशेष ध्यान रखना,योग्य कार्यकर्ताओं की अनदेखी और मौका ना देना भी कांग्रेस शासन काल में देखने को मिला जिससे आहत होकर कई नेता, कार्यकर्ता ने पार्टी से किनारा कर लिया। कांग्रेस शासनकाल में पत्रकार भी सुरक्षित नही थे और उन्हें भी जमकर प्रताड़ित किया गया। शायद इन्हीं सब करतूतों की वजह से कांग्रेस पार्टी का पूरे प्रदेश में हर चुनाव में सुपड़ा साफ हो चुका है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन से भी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी शिकस्त हो गई है। यहां पाटन से कांग्रेस की हार से कार्यकर्ता भी हैरत में बताए जा रहे हैं।
नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशियों के टिकट को लेकर खरीद फरोख्त की बातें भी सामने आई और कई योग्य उम्मीदवारों की टिकट भी इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में काट दिया गया। जिससे कुछ ने अन्य पार्टी या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा।
कांग्रेस पार्टी में टी एस सिंहदेव ने सबसे ज्यादा अपमानित होने का दंश झेला…
छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सबसे ज्यादा अपमानित होने का दंश झेला।सरगुजा महाराज टी एस सिंहदेव कांग्रेस पार्टी के ऐसे नेता हैं जिन्हें विपक्ष भी ध्यान से सुनता और समझता था।बेबाक होकर उनके द्वारा जब प्रधानमंत्री मोदी का आगमन रायगढ़ में हुआ था तब भी उन्होंने मंच पर कह दिया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के साथ कभी सौतेला व्यवहार नही किया और पूरा सहयोग किया जिसको लेकर भी कई भ्रामक जानकारियां फैलाई गई। गुटबाजी भी कांग्रेस पार्टी में चरम सीमा पर थी जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गुट किसी और ही रंग में डूबा रहा। स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में सिंहदेव को उनके ही विभाग की मीटिंग पर सूचना नही दी जाती थी और उनके प्रोटोकॉल से भी छेड़छाड़ की जाती थी। सिंहदेव समर्थकों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाता रहा और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ भी अंदर कुछ ठीक ठाक नही चल रहा था। सिंहदेव ने कभी प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की और सब कुछ पार्टी हाइकमान पर ही छोड़ दिया, इस तरह पूर्व कांग्रेस शासनकाल में एक सरल सहज नेता ने अपमानित होने का सबसे ज्यादा दंश झेला तथा कांग्रेस पार्टी में ही कई योग्य उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को भूपेश नेतृत्व में दरकिनार कर दिया गया। कांग्रेस पार्टी की कई भेंट मुलाकात कार्यक्रम में देखा गया कि किस तरह मंच पर ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी वेदना सबके सामने सुनाई थी। सिंहदेव ने PCC चीफ बनाए जाने की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि पार्टी उन्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपती है, तो वे पूरी निष्ठा से उसे निभाने के लिए तैयार हैं।सिंहदेव बिलासपुर पहुंचे, जहाँ उन्होंने पूर्व विधायक शैलेश पांडेय और प्रदेश सचिव पंकज सिंह के निवास पर उनसे भेंट की। इस दौरान जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी भी उपस्थित थे।जब उनसे कांग्रेस की नगरीय निकायों में हार पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि प्रत्येक चुनाव की परिस्थितियाँ अलग होती हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार तमाम आकलनों के विपरीत रही। वहीं, लोकसभा चुनाव में 4-5 सीटें जीतने की उम्मीद थी, किंतु दुर्भाग्यवश केवल एक सीट ही मिल सकी। नगर निगम और पंचायत चुनाव स्थानीय मुद्दों से प्रभावित होते हैं, जिनमें प्रत्याशी की भूमिका 60-70 प्रतिशत तक महत्वपूर्ण होती है। सिंहदेव ने कहा कि स्थानीय चुनावों में प्रत्याशी की भूमिका सबसे अहम होती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं कुनकुरी से आते हैं, लेकिन वहाँ भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क्षेत्रों में भी कांग्रेस को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
चुनावी उठा पटक के बीच ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रदेश की राजनीति से लगभग छुट्टी कर राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब का प्रभारी बनाया गया:
नगरीय निकाय चुनाव के उठा पटक के बीच ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रदेश की राजनीति से लगभग छुट्टी कर राष्ट्रिय महासचिव और पंजाब का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है जो आने वाले भविष्य में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। वही अब पार्टी में आंतरिक खींचतान के बीच PCC में बदलाव की बयार बहनी शुरू हो चुकी है। यह जानकारी भी सूत्रों के हवाले से आ रही है कि प्रदेश नेतृत्व में बदलाव तय है और इसी को लेकर नेताओं की दिल्ली दौड़ शुरू हो चुकी है।
पीसीसी चीफ के खिलाफ भी रायपुर उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने मोर्चा खोल दिया है, नेतृत्व में बदलाव को लेकर
हाइकमान को पत्र भी लिखा:
राजधानी रायपुर से रायपुर उत्तर विधानसभा के पूर्व कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा ने भी नेतृत्व बदलाव को लेकर अब मोर्चा खोल दिया है और हाइकमान को पत्र भी लिखा गया है। पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा का यह भी कहना है कि उनके द्वारा एक टिकट कांग्रेस पार्षद आकाश तिवारी के लिए मांगी गई,लेकिन टिकट आकाश तिवारी को नही मिली जिससे आकाश तिवारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ अपनी जीत आमद दर्ज करा ली है। वही शहीद राजीव पांडे वार्ड से 3 बार कांग्रेस पार्षद रह चुके समीर अख्तर और बिपिन बिहारी सूर वार्ड से नोहर साहू की टिकट काट दी गई।
इन्हीं कारणों से पीसीसी की हार का कारण बताया जा रहा है जिसपर कांग्रेस पार्टी को विचार, मंथन की आवश्यकता है।
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