जगदलपुर, 08 अक्टूबर 2025।
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा लोकोत्सव के अंतर्गत मंगलवार, 7 अक्टूबर की शाम लालबाग मैदान संस्कृति और संगीत का एक अद्भुत संगम बन गया। इस शाम ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन से भर दिया बल्कि बस्तर की मिट्टी की खुशबू और उसकी जनजातीय परंपरा की आत्मा को भी महसूस कराया।
मुख्य आकर्षण रहे बॉलीवुड गायक पवनदीप राजन और चेतना, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ और ऊर्जावान प्रस्तुतियों से हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पवनदीप ने मंच पर गायन के साथ गिटार और ड्रम्स जैसे वाद्ययंत्रों का शानदार प्रदर्शन किया, जबकि चेतना की मधुर आवाज़ ने पूरे माहौल को संगीत से भर दिया।
🎭 छात्रों की प्रस्तुति ने बांधा समां
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूली और कॉलेज के छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों से हुई।
- स्वामी विवेकानंद स्कूल के बच्चों ने सरस्वती मंगलाचारण से शुरुआत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
- इसके बाद बिहू (आसाम), ओड़िया समूह नृत्य, और केरल का ट्रायबल डांस ने देश की विविध संस्कृति का रंगीन मिश्रण पेश किया।

🌾 बस्तर की धरती की खुशबू — गेड़ी और धुरवा नृत्य से गूंजा मैदान
लोकोत्सव के मंच पर कल्लूराम और साथियों द्वारा प्रस्तुत गेड़ी नृत्य ने सबका दिल जीत लिया। बाँस के डंडों पर थिरकते कलाकारों की ताल, परिधान और ऊर्जा ने दर्शकों को बस्तर की माटी से गहराई से जोड़ दिया।
इसी क्रम में महादेव और उनके दल ने धुरवा नाच प्रस्तुत किया, जिसकी लय और पारंपरिक धुनों ने पूरे मैदान में तालियों की गूंज भर दी।
कलचा हायर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों ने गौर नृत्य प्रस्तुत कर अद्भुत ऊर्जा का प्रदर्शन किया। गौर जनजाति के इस नृत्य में नर्तक सींग वाली टोपी पहनते हैं, जो शौर्य और उत्साह का प्रतीक है।
🎸 “सक्षम कलेक्टिव” बैंड बना प्रेरणा का प्रतीक
शाम का सबसे भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण था “सक्षम कलेक्टिव” बैंड का प्रदर्शन।
यह दिव्यांग बच्चों का समूह है, जिसे दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और गिटारवाला संस्था ने संगीत प्रशिक्षण देकर तैयार किया है।
इन बच्चों ने पहले अपना संगीत एल्बम लॉन्च किया था, जो यूट्यूब पर लाखों लोगों तक पहुंच चुका है।
लालबाग मैदान के मंच पर इन बच्चों ने गिटार, कीबोर्ड और गायन की ऐसी संगति पेश की कि दर्शक खड़े होकर तालियाँ बजाने लगे।
उनका प्रदर्शन इस बात का जीवंत प्रमाण था कि प्रतिभा और हौसला किसी सीमा को नहीं मानते।
💃 ओडिसी नृत्य ने किया शाम का समापन और दर्शकों को मोहित
कार्यक्रम के अंतिम चरण में नृत्यांगना विधि सेनगुप्ता ने अपने प्रभावी ओडिसी नृत्य से सभी का मन मोह लिया। उनकी सधी हुई मुद्राएँ, भाव और लय ने मंच को भक्ति और सौंदर्य के रंगों से भर दिया।
✨ वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की गरिमामय उपस्थिति
कार्यक्रम में कमिश्नर श्री डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पी.,
कलेक्टर श्री हरिस एस, सहायक कलेक्टर श्री विपिन दुबे सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित रहे।
🕯️ बस्तर दशहरा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि जनजातीय कला, संस्कृति और एकता का प्रतीक लोकमहोत्सव है, जो हर साल बस्तर की पहचान को और ऊँचाई देता है।
