अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे,शासन के आदेश को दो महीने तक राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक मनमानी के लग रहे आरोप,,
N bharat,,,,सूरजपुर,छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति विकास विभाग ने 18 जून 2025 को तत्काल प्रभाव से जय गोविन्द गुप्ता को जनपद पंचायत प्रतापपुर का मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ किया था, लेकिन करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें पदभार नहीं सौंपा गया। हैरानी की बात यह है कि शासन के स्पष्ट आदेश को दर किनार करते हुए प्रतापपुर में किसी और को जनपद सीईओ बना दिया गया है और जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।

सूत्रों के अनुसार, जिला पंचायत सीईओ से इस संबंध में कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने एक भी कॉल रिसीव नहीं किया। सवाल यह है—क्या यही पारदर्शी प्रशासन का उदाहरण है? और क्या शासन के आदेशों का यही सम्मान है?
सूत्रों की मानें तो जानकारी है कि वर्तमान पद पर बैठे जनपद सीईओ को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते प्रशासन आदेश लागू करने से बच रहा है। नए पदस्थ सीईओ को जिला पंचायत में ही अन्य कार्यों में लगा दिया गया है, जिससे शासन की मंशा पर खुलेआम सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि यह सीधी प्रशासनिक मनमानी है। वे मांग कर रहे हैं कि शासन तत्काल आदेश का पालन कराते हुए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी शासन के आदेश को ठंडे बस्ते में डालने की हिम्मत न कर सके। अब देखना यह होगा कि इस मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन सक्रिय होता है या राजनीतिक दबाव के आगे फिर झुक जाता है।
*मामले से जुड़ी बहुत अहम बातें,,*
•18 जून 2025 को शासन ने किया आदेश जारी।
•दो महीने बाद भी नए सीईओ को नहीं मिला पदभार।
•प्रतापपुर में किसी और को दिया गया सीईओ का प्रभार।
•राजनीतिक संरक्षण का आरोप, अधिकारी चुप्पी साधे।
•ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की।
