देश का कानून तोड़ने वाला यह कैसा फरमान
N bharat,,,,कोरिया,सोनहत छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में बरसात को देखते हुए जून में ही तीन महीने का राशन (जून, जुलाई, अगस्त) एक साथ देने का निर्णय लिया है वही राशन मिलना भी चालू हो गया है . एपीएल और बीपीएल दोनों श्रेणियों के हितग्राहियों को निशुल्क चावल वितरित किया जाएगा. राज्य शासन के निर्देश पर जिले में भंडारण और वितरण की विशेष तैयारियां सुनिश्चित की हैं। तो वही इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कोरिया जिले की कुछ ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिवों ने आदेश के ठीक विपरीत तुगलकी फरमान जारी कर दिया है यह फरमान प्रधान मंत्री आवास योजना के ऐसे हितग्राहियों के लिए जारी की किया गया है जिन्हें राशि जारी हुई है लेकिन उसके अनुसार उनका निर्माण पूर्ण नही हुआ है, या जिन्होंने राशि लेकर कार्य प्रारंभ नही किया है। दरअसल सोनहत विकास खण्ड में पँचायत के सरपंच सचिवों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है इस सम्बंध में मिली जानकारी अनुसार
सोनहत की शासकीय उचित मूल्य की दुकान में प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को राशन न देने का फरमान जारी किया गया है जारी फरमान में कहा गया है कि की आपके खाते में आवास की राशि जमा कर दी गई है और आपके द्वारा आवास नहीं बनाया जा रहा है इसलिए आपको शासकीय उचित मूल्य की दुकान में अब राशन नहीं मिलेगा तथा बाकायदा सरपंच सचिव के द्वारा पत्र और सूची जारी कर दुकान के डीलर को आदेशित किया गया है
*पंच संघ ने जताया विरोध कहा वापस ले फरमान अन्यथा होगा विरोध*
इस प्रकार के तुगलकी फरमान संज्ञान में आने पर पंच संघ के अध्यक्ष प्रेमसागर तिवारी ने विरोध जताया है । पंच संघ अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास का संबंध राशन से बिल्कुल भी नहीं है गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन दिया जाता है इस समय खेती किसानी का समय है गरीब परिवारों का इस बरसात के समय में राशन रोकना उचित नहीं है अभी किसी प्रकार का कोई रोजगार मूलक कार्य भी नहीं चल रहे जिससे कि वहाँ कार्य कर खाद्यान्न की व्यवस्था गरीब परिवार कर सके।
पंच संघ अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से मांग किया है इस प्रकार का जारी तुगलकी फरमान वापस हो । प्रधान मंत्री आवास बरसात के समय में बनाने का दबाव उचित नहीं है तथा ग्रामीणों को शासन की नियमानुसार तत्काल राशन वितरण करने आदेश जारी किया जाए ताकि गरीब ग्रामीण परिवारों को खाने की समस्या उत्पन्न न हो। तुगलकी फरमान वापस नही होने की स्थिति में ब्लॉक स्तर पर बड़ा धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन किया जाएगा
*खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी को है भोजन(खाद्यान) का अधिकार*
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 भारत सरकार द्वारा 2013 में लागू किया गया एक कानून है जिसका उद्देश्य देश की लगभग दो-तिहाई आबादी को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराना है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को सस्ती दरों पर पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना ताकि उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा मिल सके और वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें. पात्र व्यक्ति चावल, और मोटे अनाज क्रमशः 2 और 1 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रति माह प्राप्त करने के हकदार है अधिनियम में गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए पोषण संबंधी सहायता का भी प्रावधान है. लेकिन सोनहत विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों ने इस अधिनियम किं धज्जियाँ उड़ा दी है, सम्भवना भी जताई जा रही है कि फिलहाल ये प्रदेश का पहला मामला है जहां लोगो का राशन बन्द करने का फरमान जारी किया गया हो
*इन पंचायतो ने जारी किया फरमान*
इस सबन्ध मिली जानकारी अनुसार फिलहाल ग्राम कैलाशपुर तंजरा, केशगवां बेलिया समेत अन्य कई पंचायतो ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया है, पँचायत के इस तुगलकी फरमान से हितग्राहियों में जम कर आक्रोश है, एक तरफ सरकार सुशासन का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ अधूरे आवास हितग्राहियों का राशन बन्द करने का फरमान सुशासन के दावों की पोल खोल रहा है
*खेती बाड़ी का समय शुरू नही मिल रहे मजदूर*
क्षेत्र में खेती बाड़ी का समय शुरू हो चुका है और ऐसे में मजदूरों की भारी किल्लत है ऊपर से भारी बारिश के कारण आवास बनाना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है, ऐसे में जब तक आवास नही बनेगा तब तक राशन बन्द हुआ तो मजदूर वर्ग और गरीबो को खाने के लाले पड़ने की संभावना बन सकती है।।
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