🛤️ नक्सल प्रभावित बस्तर में विकास की नई रफ्तार: अंतिम चरण में कोठागुडेम–किरंदुल रेल सर्वे
✍️ रिपोर्ट – एन. भारत न्यूज डेस्क
📍रायपुर, 26 जून 2025
देश के सबसे संवेदनशील और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शुमार बस्तर अंचल में अब रेल विकास की रफ्तार तेज हो चुकी है। कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी रेललाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) अब अंतिम चरण में पहुँच गया है।
🚆 लिडार तकनीक से हो रहा अत्याधुनिक सर्वे
भारतीय रेलवे द्वारा इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत अत्याधुनिक लिडार (LiDAR) तकनीक का इस्तेमाल कर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। यह तकनीक उन्नत सटीकता के लिए जानी जाती है और दुर्गम क्षेत्रों में भी मार्ग निर्धारण को आसान बनाती है।
📍 बस्तर के तीन जिलों को मिलेगा सीधा रेल संपर्क
इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों से होकर गुजरेगा – जो आज तक रेल नेटवर्क से वंचित थे।
यह रेलमार्ग न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि यहां के जनजीवन, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी एक नई दिशा देगा।
🛡️ राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अहम
यह परियोजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से मॉनिटर की जा रही है। रेलवे मंत्रालय ने इसे आंतरिक सुरक्षा, त्वरित सैन्य लॉजिस्टिक्स और क्षेत्रीय विकास के लिए एक रणनीतिक कदम बताया है।
🙏 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को रेलवे का आभार
रेलवे विभाग ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और राज्य सरकार का विशेष आभार व्यक्त किया है, जिनके निर्देश और समन्वय से यह रुकी हुई प्रक्रिया फिर से गति पकड़ सकी। मुख्यमंत्री ने पहले ही इस रेलमार्ग को बस्तर क्षेत्र के लिए “विकास की जीवनरेखा” बताया था।
🌱 बस्तर को मिलेगा सुरक्षा, समावेशन और समृद्धि का तोहफा
यह रेलमार्ग न केवल विकास का वाहक बनेगा, बल्कि बस्तर अंचल के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने, नौकरी व व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देने और सुरक्षा बलों की तैनाती को आसान बनाने में भी मददगार साबित होगा।
📢 एन. भारत न्यूज की रिपोर्ट
यह रेललाइन बस्तर के इतिहास में एक युगांतकारी बदलाव लाने जा रही है – जहां पहले बंदूक की गूंज थी, वहां अब इंजन की सीटी सुनाई देगी।
🖋️ संपादक – रवि शंकर गुप्ता
📌 N. भारत न्यूज – बस्तर की बात, देश के साथ
