भारत सरकार से अनुमोदित है निविदा में 350 रुपये प्रति चश्मा की प्राप्त स्वीकृत राशि
गलत और भ्रामक जानकारी से विभाग की छवि को पहुंचाया जा रहा है नुकसान*
रायपुर, 01 अप्रैल 2025/
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन विभाग के अंतर्गत कुछ दिनों से एक भ्रामक जानकारी फैल रही है। एक समाचार पत्र में ‘‘तीन करोड़ के चश्मे के टेंडर में एनएचएम को दृष्टि दोष’’, “इस बार राज्य स्तर पर 45 हजार आई ग्लास कि खरीदारी” नाम की हेडिंग से ये समाचार प्रकाशित किया गया है। जबकि ये जानकारी गलत और भ्रामक है।इससे प्रतीत होता है कि विभाग की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय अंधत्व कार्यक्रम के तहत प्रेसबायोपिक चश्मों की निविदा राज्य स्तर पर आयोजित करने के निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त हुए थे। मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य ने प्रेसबायोपिक चश्मों की निविदा जारी की थी। इस निविदा में 350 रुपये प्रति चश्मा की स्वीकृत राशि प्राप्त हुई थी, जो भारत सरकार से अनुमोदित है।
हालांकि, इस निविदा को भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिसके कारण आमजन में गलतफहमी उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि एनएचएम स्तर पर अब तक निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और कोई रेट कांट्रैक्ट भी जारी नहीं किया गया है। अतः यह कहना कि ‘‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा गलत निविदा कर अधिक रेट में काँच के मोटे चश्मे दिए जा रहे हैं’’ पूर्णतः गलत और निराधार है।
