New bharat news,,,,, रायपुर में कैंसर बीमारी के रोकथाम में प्रिवेंशन और स्क्रीनिंग मैथड्स सबसे कारगर – डॉ राकेश कुमार मिश्रा*
आज *युवा* संस्था में “स्वास्थ्य ही धन है” विषय के तहत कैंसर बीमारी के प्रति जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली पर एक सेमिनार का आयोजन किया।
आज के सेमिनार के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ राकेश कुमार मिश्रा, एमबीबीएस, एमडी, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल, रायपुर थे।
कार्यक्रम के शुरूआत में युवा के सदस्यों ने मुख्य अतिथि डॉ राकेश कुमार मिश्रा का स्वागत शॉल, श्रीफल, सूत का माला और पुष्प गुच्छ से किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि आज कैंसर बीमारी के विषय में जानकारी, युवा में पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को उनके पढ़ाई के लिए जितनी काम की है, उससे अधिक इस बीमारी के प्रति लोग जागरूक हों और इस बीमारी के प्रति लोगों की भ्रांतियां दूर हो, यह उनका उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि हम प्रिवेंशन और स्क्रीनिंग के द्वारा इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं। प्रिवेंशन के अंतर्गत तंबाकू उत्पादों का सेवन, धूम्रपान और मोटापा को कम करना है। इनके दुष्प्रभावों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आम तौर पर यह माना जाता है कि तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से सिर्फ मुँह का कैंसर होता है, जबकि सच्चाई ये है कि इनके इस्तेमाल से पूरे शरीर में मुंह से लेकर पेशाब की थैली तक लगभग अठारह जगहों में कैंसर की संभावना होती है। उसी तरह आमतौर पर लोग, धूम्रपान का तात्पर्य सिर्फ धुंआ से लगाते हैं, जबकि इस धुंआ में 6000 केमिकल होते हैं और इनमें से 70 केमिकल कैंसर कारक होते हैं। इसी प्रकार मोटापा से भी कैंसर होने का डर बना रहता है।
इसीलिए उन्होंने कैंसर होने के बाद ईलाज कराने के बजाय उसके रोकथाम पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी। इसके लिए उन्होंने लोगों को प्रतिदिन 30 मिनट किसी भी एक्टिविटी को करने को कहा। बच्चों से उन्होंने प्रतिदिन आउटडोर खेलने को कहा। उन्होंने कहा कि जब हम खेलते हैं, दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और खुश रहते हैं तो एंडोर्फिन हार्मोन शरीर में निकलता है और इससे कई बीमारियां अपने आप ख़त्म हो जाती हैं।
इसके अलावा उन्होंने युवा की छात्राओं से कहा कि महिलाओं में सर्वाधिक कैंसर सर्वाइकल और ब्रेस्ट का होता है। इसके बचाव के लिए ग्यारह वर्ष से अधिक बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन लगवाना चाहिए। उसी तरह बड़ी उम्र के महिलाओं के स्तन में गांठ होने पर मैमोग्राम टेस्ट द्वारा कैंसर का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने पेप्समियर टेस्ट द्वारा किसी भी महिला में दस वर्षों बाद भी कैंसर होने की संभावना का पता लगाया जा सकता है।
सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ राकेश मिश्रा ने कैंसर के ईलाज के तरीकों कीमोथेरेपी, टारगेटेड और इम्यूनोथेरेपी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा की लोगों में यह गलत धारणा है कि कैंसर का ईलाज काफी दर्दनाक होता है, जबकि यह सही नहीं है। कैंसर के ईलाज में सर से बालों का झड़ना कोई दुष्प्रभाव नहीं है, बल्कि ईलाज सही दिशा में हो रहा है, इसका द्योतक है।
आज के सेमिनार में उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभवों के आधार पर युवा के सदस्यों को पढ़ाई के टिप्स भी दिए।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के मशहूर कवि छबिलाल सोनी ने सेमिनार के अंत में अपनी रचनाएं प्रस्तुत किए।
इसके अलावा युवा के द्रोहित शिवहरे एवं विकास सिंह ने फिल्मी नगमे प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के अंत में युवा के संस्थापक एम राजीव ने मुख्य वक्ता, कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि कैंसर से जैसे घातक बीमारी के बारे में बारीक जानकारी का इतनी सहजता से मिलना, अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने युवा सदस्यों से कैंसर की मिली जानकारी को अपने परिवार और परिचितों में साझा करने का आह्वान किया।
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