गांधी-शास्त्री के आदर्श आने वाली पीढ़ी को भी दिखाएंगे सही राह – बदरुद्दीन कुरैशी ,,,

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भिलाई न्यूज़ । जेपी प्रतिष्ठान रूआबांधा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155 वीं जयंती एवं भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 120 जयंती पर विशेष परिचर्चा का आयोजन बुधवार 02 अक्टूबर की सुबह किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व राज्य मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी थे। ‘चंपारण सत्याग्रह और आज का भारत’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में समाज के विभिन्न वर्ग ने अपनी भागीदारी दी।

शुरुआत में जननायक चंद्रशेखर फाउंडेशन छत्तीसगढ़, लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष और आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति के संयोजक आरपी शर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि चंपारण सत्याग्रह अगर विफल हो जाता तो संभव था कि अंग्रेजों के पांव और ज्यादा मजबूती से जम जाते। उन्होंने कहा कि आज जो लोग सत्ता में बैठे हुए हैं, वो अंग्रेज से भी बदतर है। अंग्रेज तो व्यापार कर रहे थे लेकिन आज लोकतंत्र में हुक्मरान बन बैठे लोगों को समझना चाहिए जीएसटी और तमाम गैर जरूरी करारोपण से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।

इसके पहले आयोजन की शुरुआत में समस्त आमंत्रितों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्य अतिथि पूर्व राज्य मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी ने चंपारण सत्याग्रह पर अपनी बात रखते हुए कहा कि सत्य के मार्ग पर चलने के बाद सफलता के लिए किसी और हथियार की जरूरत नहीं होती। महात्मा गांधी सत्य की राह पर चलते रहे और उनके बाद उनके अनुयायी लाल बहादुर शास्त्री ने भी सत्य का मार्ग कभी नहीं छोड़ा।

उन्होंने कहा कि इन दोनों महान हस्तियों के आदर्श आने वाली पीढ़ी को भी सही राह दिखाते रहेंगे। श्री कुरैशी ने कहा कि देशवासियों को संघर्ष की शक्ति महात्मा गांधी ने दी और उन्हीं के रास्ते पर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी चले। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का सम्मान हम सबके लिए सर्वोपरि है, इसलिए उन्होंने जब देखा कि मौजूदा केंद्र सरकार महात्मा गांधी के छायाचित्र और चश्मे का इस्तेमाल स्वच्छ भारत अभियान के लिए टॉयलेट और अन्य गंदगी की जगहों पर कर रही है तो इनका इस्तेमाल रोकने उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सफलता हासिल की।

वरिष्ठ अधिवक्ता जमील अहमद ने कहा कि आज की राजनीति में नकारात्मकता ज्यादा हावी हो गई है। जबकि पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने चंपारण्य सत्याग्रह शुरू किया तो आम जनता उनके साथ थी। इस वजह से उन्हें सफलता मिली।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर लालबहादुर शास्त्री को भले ही बहुत कम समय मिला, लेकिन उन्होंने अपने कार्यों से अलग छाप छोड़ी। वरिष्ठ श्रमिक नेता प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि महात्मा गांधी का अहिंसा का रास्ता बिल्कुल सही था इसी के बूते पर उन्होंने चंपारण से अपने आंदोलन की सफलता की कहानी लिखनी शुरू की और देश को आजाद करा कर दम लिया।

संचालन कर रहे समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर) के महासचिव नंदकिशोर साहू ने कहा कि यह महात्मा गांधी का प्रभाव था कि आज भी पूर्वांचल में गांधी आश्रम की खादी पूरी दुनिया में क्वालिटी के मामले में श्रेष्ठ मानी जाती है। उन्होंने कहा कि चंपारण में जनमानस ने जिस प्रकार कंधे से कंधा मिला कर तन-मन धन से अपना योगदान दिया, वह बहुत कम देखने को मिलता है। अंत में जयराम पासी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शैलेश साहू, एपी सिंह, एमआर रजक, अंकालु राम साहू,जीवनंदन राय और राम स्वरूप सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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