N bharat,,,रायपुर/11 अक्टूबर 2025। भाजपा सरकार पर मुनाफाखोरी को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी रियायत का तीन चौथाई हिस्सा बड़ी कंपनियां अपने मुनाफे में एडजस्ट कर ली हैं, जो लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए वह सही अनुपात में नहीं मिल पाया। सीमेंट के दाम 300 से 325 रुपए प्रति बोरी है, पहले 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब था, अब 18 प्रतिशत के स्लैब में है, 10 प्रतिशत जीएसटी कटौती से सीमेंट का दाम 30 से 32 रुपए प्रति बोरी कम होना चाहिए था लेकिन किसी भी कंपनी के सीमेंट के फुटकर दाम में 8 से 10 रुपए से ज्यादा रियायत खरीददारों को नहीं मिल रहा है, अर्थात जीएसटी कमी का दो तिहाई हिस्सा कंपनियां अपने मुनाफे में एडजस्ट कर ली है। नई जीएसटी दरों को ऐतिहासिक बताकर तमाम भाजपा के नेता जीएसटी बचत उत्सव का इवेंट आयोजित करके केवल प्रचार अभियान में लगे हैं, धरातल पर स्थिति दावे के अनुरूप कहीं नहीं दिखाई दे रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किन वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की है उनके दाम बाजारों में अभी पुराने ही है पूर्व में निर्धारित एमआरपी पर ही उपभोक्ताओं को सामान का विक्रय हो रहा है। टूथपेस्ट, साबुन, ब्रेड जैसी रोजमर्रा की चीज जिन पर जीएसटी हटाया गया है अब भी पुराने एमआरपी में बेचे जा रहे हैं। जीवन रक्षक दवाएं जो 12 प्रतिशत जीएसटी से घटकर 5 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया है या जिन पर जीएसटी पूरी तरह से माफ की गई है वह दवाएं भी पूर्ववत एमआरपी में ही उपलब्ध है। कोई राहत या रियायत उपभोक्ताओं को नहीं मिला।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बचत उत्सव का ऐलान कर जो दावे सरकार ने किए, जमीनी हकीकत उससे इतर है होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, फार्मेसी से लेकर किराने की दुकानों तक अब भी ग्राहकों से पुराने रेट ही वसूले जा रहे हैं। दावा था कि दाम घटेंगे, भारी बचत होगी मगर कुछ बदला नहीं, उल्टे 2500 से अधिक मूल्य के रेडीमेड गारमेंट्स और फुटवियर महंगे हो गए, जिन वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर यथावत है, वह भी महंगे हो गए। गिट्टी और बालू के दाम विगत 15 दिनों में 25 प्रतिशत तक बढ़े हैं, आम जनता को घर बनाना महंगा पड़ रहा है। सरकार का जीएसटी बचत उत्सव केवल राजनैतिक पाखंड है, असल लाभ कॉर्पोरेट उठा रही है।
