विभागीय जांच में बड़ा खुलासा — श्रम अधिनियम का खुला उल्लंघन, कोर्ट तक जा सकता है मामला
तिल्दा-नेवरा। रायपुर जिले के तिल्दा जनपद क्षेत्र स्थित मेसर्स नंदन स्मेटल्स उद्योग पर श्रमिकों के शोषण और श्रम अधिनियम के खुले उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे हैं।
इस मामले को छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन ने गंभीरता से उठाया था और संबंधित विभाग से जांच की मांग की थी।
प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्ष शैलेश सिंह राजपूत के नेतृत्व में की गई शिकायत पर श्रम विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की।
श्रम निरीक्षक सियाराम पटेल द्वारा उद्योग का निरीक्षण किया गया, जिसमें कई गंभीर खामियां सामने आईं।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उद्योग प्रबंधन द्वारा
- न्यूनतम वेतन अधिनियम,
- वेतन भुगतान अधिनियम,
- श्रमिक कल्याण अधिनियम,
- और सुरक्षा उपकरण संबंधी नियमों
का पालन नहीं किया जा रहा है।
श्रम निरीक्षक पटेल ने मीडिया से कहा कि उद्योग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, लेकिन उसका उत्तर संतोषजनक नहीं मिला। अब विभाग इस मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि उद्योग प्रबंधन ने दो श्रमिकों को मनमाने ढंग से काम से निकाल दिया, जिसकी लिखित शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है। इसकी जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते माह उद्योग प्रबंधन ने मजदूरों पर 12 घंटे कार्य करने का दबाव बनाया था। मजदूरी दर में कटौती और पारिवारिक कारणों से असमर्थता जताने पर दो मजदूरों को निकाल दिया गया था। प्रभावित मजदूरों ने अपनी शिकायत छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन को दी थी।
इस पूरे मामले में एसोसिएशन के हस्तक्षेप और मीडिया रिपोर्टिंग के बाद अब श्रम विभाग सक्रिय हुआ है। विभागीय जांच में हुई बड़ी खामियों के चलते अब नंदन स्मेटल्स उद्योग पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
संपादक – रविशंकर गुप्ता
N भारत न्यूज़
