जेम पोर्टल की खरीदी में महिला उद्यमी और अनुसूचित जाति के विक्रेताओं को ज्यादा अवसर नहीं मिला
N bharat,,,रायपुर/26 सितंबर 2025। जेम पोर्टल के जरिए 87873 करोड़ की खरीदी की जांच की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जेम पोर्टल के माध्यम से अब तक 87873 करोड़ की खरीदी की गई है। जेम पोर्टल की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी हुई है, इसकी जांच की जानी चाहिए। पोर्टल से हुई अधिकांश खरीदी राज्य के बाहर के सप्लायरों से हुई है, इससे स्थानीय व्यापारी उद्यमियों, महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति के विक्रेताओं को नाम मात्र का अवसर मिला है। प्रदेश के महिला उद्यमियों से 1242 करोड़ जो कुल खरीदी का मात्र 1.4 प्रतिशत होता है और अनुसूचित जाति के विक्रेताओं को मात्र 199 करोड रुपए अर्थात कुल खरीदी का 0.22 प्रतिशत है, का ही सामान सप्लाई का आर्डर दिया गया है और अधिकांश समान राज्य के बाहर से बुलाई गई है। इससे वोकल फॉर लोकल की नीति कैसे सफल होगी। जब स्थानीय लोगों से ही सामान की खरीदी नहीं होगी, लाभ नहीं मिला है, सही नहीं जेम पोर्टल के खरीदी में भारी अनियमित पाई गई है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जेम पोर्टल की खरीदी में स्थानीय स्तर पर जो आवश्यक वस्तु की कीमत है उससे चार गुना अधिक दाम पर राज्य के बाहर के सप्लायरों से खरीदी किया गया है यह भारी भ्रष्टाचार है, राज्य के व्यापारियों के साथ धोखा है। जेम पोर्टल के माध्यम से 50 हजार रु. की रोटी बनाने की मशीन को 8 लाख रु., 1 लाख 45 हजार रु. की स्मार्ट टीवी को 10 लाख रुपए में, 500 रु. की जग 32 हजार में, 150 रु. की हवाई चप्पल 1350 रु. में, बस्तर ओलंपिक के लिए 1540 रुपए की सूट को 4900 रू. में, 4000 की डस्टबिन को 25000 में 40000 रु. की कचरा गाड़ी, ई रिक्शा को लगभग 74000 में 150 रू. में चप्पल को 1350 रूपये में खरीदी, यह राज्य के खजाने पर चोट है। स्थानीय व्यापारियों के साथ अन्याय हैं। जेम पोर्टल में अब तक जो खरीदी हुई है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जैम पोर्टल की खरीदी में स्थानीय उद्यमी व्यापारियों, विक्रेताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए, पारदर्शी तरीके से खरीदी होनी चाहिए, लेकिन भाजपा के सरकार में जैम पोर्टल भ्रष्टाचार का पोर्टल बन गया। अवैध कमाई का जरिया बन गया। भाजपा सरकार की कमीशन खोरी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
