
बिहार तिहार मानने वाले विश्व आदिवासी दिवस क्यों नहीं मना रहे?
विष्णुदेव साय क्या खुद को आदिवासी नहीं मानते जो आदिवासी दिवस से दूर भाग रहे हैं
N bharat,,,,रायपुर/ 09 अगस्त 2025।* लगातार दूसरे साल भाजपा सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस नहीं मनाया। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश की सबसे बड़ी आबादी आदिवासी समाज का अपमान कर रही है। विश्व आदिवासी दिवस आदिवासियों के गौरव और अस्मिता से जुड़ा हुआ है, इस दिन प्रदेश के आदिवासी समाज के लोग खुद को समूचे दुनिया की आदिवासी संस्कृति के साथ जोड़ कर गौरवान्वित होते है । कांग्रेस की सरकार के पांच साल में राज्य की पुरातन आदिवासी संस्कृति को दुनिया के सामने लाने का प्रयास हुआ। विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे आयोजन हुए जिसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति का खान पान का दुनिया के सामने गौरव पूर्ण ढंग से प्रस्तुत कर सके। भाजपा की सरकार ने आरएसएस के दबाव में विश्व आदिवासी दिवस को मनाना बंद कर दिया, दरअसल आरएसएस आदिवासियों को मूल से अलग कर वनवासी बनाने में लगी है ताकि उनके जल जंगल जमीन पर से प्राकृतिक हक से दूर कर सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन प्रदेश के आदिवासी वर्ग आदिवासी दिवस मनाते हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, आदिवासी संस्कृति कला परंपरा तीज त्यौहार का आयोजन करते हैं और यह वर्षो होते आ रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी वर्ग से होने का दावा करते हैं, लेकिन आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी महोत्सव मनाने से दूर भागते हैं क्या विष्णु देव साय खुद को आदिवासियों से अलग मानते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेश में बिहार दिवस के कार्यक्रम में शामिल होते हैं, लेकिन उन्हें आदिवासी समाज जब आदिवासी दिवस के आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं तो शामिल नहीं होते भाजपा को आखिर आदिवासियों की संस्कृति परंपरा तीज त्योहार से इतनी नफरत क्यों है? आरएसएस आदिवासी समाज के आदिवासी दिवस को सरकारी तौर पर नहीं मानने के लिए दबाव क्यों मनाती है? आरएसएस अपनी संस्कृति को आदिवासी समाज में थोपना बंद करें आदिवासी समाज विश्व आदिवासी दिवस के दिन जो आयोजन करता है उसमें सरकार अपनी भूमिका से स्पष्ट करे।