नेशनल हाईवे पर दिल दहला देने वाला हादसा: शिक्षिका की मौत, पति और चालक गंभीर रूप से घायल
कठिया (बेमेतरा)। नेशनल हाईवे-30 पर ग्राम कठिया के पास बुधवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक शिक्षिका की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके पति और मालवाहक वाहन का चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह भीषण टक्कर एक कार और तेज रफ्तार मालवाहक वाहन के बीच आमने-सामने हुई, जिसमें कार के परखच्चे उड़ गए।
साजा से लौट रहे थे बिलासपुर, रास्ते में हुई टक्कर
जानकारी के अनुसार, बिलासपुर निवासी स्वामीदीन पांडे (67 वर्ष) अपनी पत्नी शिक्षिका राधिका पांडे (58 वर्ष) के साथ साजा से बिलासपुर लौट रहे थे। दोपहर करीब 2 बजे जब उनकी कार ग्राम कठिया के पास पहुँची, तभी विपरीत दिशा से आ रहे मालवाहक वाहन (चालक घनश्याम साहू, ग्राम सिधौरी निवासी) ने उनकी कार को जोरदार टक्कर मार दी।
स्थानीय ग्रामीणों ने शुरू किया बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। कठिया निवासी गौकरण राजा साहू समेत स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कार का गेट जाम हो गया था। ग्रामीणों ने सीट बेल्ट काटकर और गेट तोड़कर राधिका पांडे और उनके पति को बाहर निकाला। मालवाहक चालक भी गंभीर रूप से घायल था। सभी घायलों को तत्काल निजी वाहन से जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
अस्पताल में शिक्षिका मृत घोषित, पति और चालक रायपुर रेफर
अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने राधिका पांडे को मृत घोषित कर दिया। उनके पति स्वामीदीन पांडे और मालवाहक चालक घनश्याम साहू को गंभीर स्थिति में रायपुर रेफर कर दिया गया है।
मृतका के मायके साजा में हैं, और वे कुछ दिन पहले वहीं आई थीं। दंपती अपने घर लौट रहे थे जब यह हादसा हुआ।
परिजनों को दी गई सूचना, पुलिस ने शुरू की जांच
सूचना मिलते ही मृतका के मायके पक्ष के लोग अस्पताल पहुंचे। मृतका का एक पुत्र पुणे में कार्यरत है, जिसे सूचना दे दी गई है। बेमेतरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा कार्रवाई की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
क्षेत्र में बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं, सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
❗ एक रात पहले भी टक्कर से बचा परिवार
27 मई की रात ग्राम चोरभट्ठी के पास एक खराब खड़ी कार को पीछे से मालवाहक वाहन ने टक्कर मार दी थी। सौभाग्य से, कार सवार अंकित शर्मा और उनका परिवार उस समय बाहर थे, जिससे जान बच गई।
❗ कठिया में पहले भी हो चुकी हैं मौतें
30 अप्रैल को कठिया में ही एक ढाबे के सामने अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार गिरधर ठाकुर की मौत हो गई थी। पिछले महीने भी एक महिला की मालवाहक से टक्कर में मौत हुई थी। ये घटनाएँ बताती हैं कि यह मार्ग अब “हादसों का हॉटस्पॉट” बनता जा रहा है।
आपातकालीन सेवाओं की कमी और सड़क किनारे अतिक्रमण बना वजह
- 112 सेवा उपलब्ध नहीं: दो नेशनल हाईवे और तीन स्टेट हाईवे होने के बावजूद बेमेतरा जिला आज भी 112 इमरजेंसी सेवा से वंचित है।
- ढाबों और दुकानों के सामने वाहन पार्किंग: सड़क किनारे अनियंत्रित ढाबे, पान ठेले, दुकानें और उनके सामने खड़े वाहन यातायात में बाधा बनते हैं, जिससे हादसे हो रहे हैं।
- सहायता के लिए निजी वाहनों पर निर्भरता: हादसे के समय तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस देर से पहुंचती है, जिससे घायलों की हालत और बिगड़ सकती है।
निष्कर्ष: हादसा नहीं, लापरवाही का नतीजा
राधिका पांडे की असमय मौत केवल एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक अनदेखी और सड़क सुरक्षा की कमजोरियों का सीधा परिणाम है। बार-बार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद ना तो इमरजेंसी सेवाएं मजबूत हुईं, ना ही सड़क किनारे अव्यवस्था पर कार्रवाई हुई।
अब समय आ गया है कि प्रशासन जागे, और इस मार्ग को सुरक्षित बनाया जाए — अन्यथा हर महीने किसी परिवार की जिंदगी यूं ही उजड़ती रहेगी।
Leave a Reply