पीड़ित ने सुशासन त्योहार में भी दर्ज कराई शिकायत, निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
आशु वर्मा / ब्यूरो चीफ, तिल्दा-नेवरा।
तिल्दा-नेवरा जनपद क्षेत्र के ग्राम परसदा में भूमि अतिक्रमण को लेकर सरपंच पर गंभीर आरोप लगे हैं। गांव के निवासी छन्नू लाल मार्कंडेय ने सरपंच पर पूर्वजों की भूमि से जबरन बेदखल करने और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय की शरण ली है।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि वे पिछले 25 वर्षों से खसरा क्रमांक 595/1-2 की भूमि पर काबिज हैं और लगातार खेती कर रहे हैं। छन्नू लाल का आरोप है कि वर्तमान सरपंच भूमि पर महिला भवन निर्माण का हवाला देते हुए उन्हें बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि इसी भूमि के बड़े हिस्से पर सरपंच और उनके परिवार का अवैध कब्जा बना हुआ है।
गौरतलब है कि पूर्व में इसी भूमि पर पानी टंकी निर्माण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिसमें पीड़ित ने सहयोग करते हुए अपने हिस्से की जमीन प्रशासन को सौंप दी थी। लेकिन अब बची हुई भूमि को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।
छन्नू लाल का कहना है कि इस भूमि को लेकर न्यायालय में प्रकरण लंबित है, इसके बावजूद सरपंच द्वारा एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सरपंच पर दबंगई दिखाते हुए मलमा डलवाने और बेदखली की कोशिश का आरोप लगाया है।
पीड़ित ने मांग की है कि यदि उन्हें अवैध कब्जेदार माना जा रहा है, तो उसी भूमि पर कब्जा जमाए बैठे सरपंच और उनके परिजनों पर भी समान कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित विभाग को चिन्हांकित भूमि और अन्य कब्जाधारियों की जानकारी भी सौंपी है।
इस मामले की शिकायत पीड़ित पक्ष द्वारा ग्राम सांकरा में आयोजित सुशासन त्योहार में भी की गई है, जहां उन्होंने निष्पक्ष और न्यायपूर्ण कार्रवाई की मांग प्रशासन से की।
(यह मामला अब न्यायिक प्रक्रिया में है, और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ही कोई निष्कर्ष सामने आ सकेगा।)
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