भारत से मांगा समर्थन, कहा – पीएम मोदी के साथ हैं 6 करोड़ बलोच देशभक्त
इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 15 मई — पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में दशकों से जारी हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकार हनन के खिलाफ अब विरोध खुलकर सामने आने लगा है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को बलूचिस्तान की आजादी का औपचारिक एलान करते हुए कहा कि “बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है” और अब वह स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में पहचान चाहता है।
मीर यार बलूच का एलान:
अपने बयान में मीर यार बलूच ने कहा, “पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों द्वारा दशकों से हमारे लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं। हजारों लोगों को जबरन लापता किया गया है, महिलाओं-बच्चों पर जुल्म ढाए गए हैं। हम अब और चुप नहीं बैठेंगे। बलूचिस्तान अब पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र राष्ट्र है।”
भारत से मांगा समर्थन:
बलूच नेता ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से भारत से बलूचिस्तान की आजादी के लिए नैतिक समर्थन की अपील की। मीर ने कहा, “मैं भारत और उसके नागरिकों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने बलूचिस्तान के लोगों को बिना शर्त समर्थन दिया। बलूचिस्तान के लोग भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और मूल्यों के साथ खड़े हैं।”
पीएम मोदी को भेजा संदेश:
मीर यार बलूच ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा,
“आप अकेले नहीं हैं, आपके साथ छह करोड़ बलोच देशभक्त हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत की जनता का समर्थन बलूच आंदोलन के लिए एक नैतिक शक्ति है और भारत का योगदान बलूच इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा।
चीन पर भी लगाया आरोप:
मीर यार बलूच ने चीन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के बहाने चीन, बलूचिस्तान के संसाधनों का दोहन कर रहा है और पाकिस्तान की सेना को बल प्रदान कर रहा है। “हम चीन की दखलंदाजी और पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई दोनों का विरोध करते हैं।”
निष्कर्ष:
बलूचिस्तान की यह घोषणा पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मीर यार बलूच द्वारा भारत और वैश्विक समुदाय से समर्थन की अपील यह संकेत देती है कि बलूच स्वतंत्रता आंदोलन अब वैश्विक मंच पर और मुखर हो रहा है। आने वाले समय में यह मसला अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का अहम विषय बन सकता है।
Leave a Reply