CGMSCL ने जीवनरक्षक दवाओं के वितरण में किया कीर्तिमान स्थापित, भरोसे और गुणवत्ता की बनी मिसाल

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N bharat news,,,,रायपुर, 02 मई 2025/

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक ₹330.43 करोड़ की जीवनरक्षक एवं आवश्यक दवाओं का वितरण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह आंकड़े न केवल प्रशासकीय सफलता का संकेत हैं, बल्कि राज्य के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी हैं।

*11 वर्षों की सशक्त यात्रा*

साल 2013 में केवल दवाओं की खरीद से शुरू हुई यह संस्था आज तकनीक, पारदर्शिता और जवाबदेही का राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय मॉडल बन चुकी है। CGMSCL का विकास एक ऐसी प्रणाली के रूप में हुआ है जो स्वास्थ्य सेवा की नींव को मजबूती प्रदान करती है।

 

*हर गाँव तक पहुँची जीवनदायिनी दवाएं*

वर्तमान में CGMSCL द्वारा 130 करोड़ टैबलेट्स, 2.8 करोड़ सिरप, 3.4 करोड़ इंजेक्शन और 80 लाख पैरेंटरल बॉटल्स का वितरण किया जा चुका है। राज्य की 1300 से अधिक स्वास्थ्य संस्थाओं में नियमित दवा आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। 16 अत्याधुनिक वेयरहाउस और 4400 आयुषमान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने वाला ट्रांजिट सिस्टम आज पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य रीढ़ बन गया है।

 

*गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं*

CGMSCL की सबसे बड़ी विशेषता है—दवाओं की गुणवत्ता। अब प्रत्येक दवा की जांच NABL प्रमाणित 12 प्रयोगशालाओं में मात्र 33 दिनों में पूरी हो जाती है, जो पहले 74 दिनों तक चलती थी। इससे मरीजों को शीघ्र, सुरक्षित और प्रभावी दवाएं मिल रही हैं।

 

*डिजिटल क्रांति और पारदर्शिता की मिसाल*

संस्थान ने डिजिटल एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्रणाली की शुरुआत कर स्वास्थ्य केंद्रों को त्वरित दवा आपूर्ति सुनिश्चित की है। सरकारी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता से न केवल मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि इलाज का खर्च घटने से गरीब एवं ग्रामीण परिवारों पर आर्थिक बोझ भी कम हुआ है। डॉक्टर और फार्मासिस्ट अब इलाज पर पूरी तरह केंद्रित हो पा रहे हैं, जिससे मरीजों को बेहतर सेवा मिल रही है।

 

CGMSCL अब उप-स्वास्थ्य केंद्रों तक दवाएं पहुँचाने की योजना पर काम कर रहा है। साथ ही डिजिटल प्रणालियों को और सशक्त किया जा रहा है, ताकि कोई भी नागरिक सही समय पर सही दवा से वंचित न रहे।

 

प्रदेश में अब स्वास्थ्य केवल एक सेवा नहीं, बल्कि जनता का अधिकार बन चुका है। CGMSCL की सफलता यह साबित करती है कि अगर नीति स्पष्ट हो, नेतृत्व दृढ़ हो और तकनीक का उचित उपयोग किया जाए, तो सरकारी संस्थाएं भी नई ऊँचाइयों को छू सकती हैं।

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