शिवसागर में छठ घाट निर्माण की ऐतिहासिक पहल: टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में सरगुजा राजपरिवार की सौगात

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N Bharat News,, सूरजपुर, अंबिकापुर के वरिष्ठ पत्रकार आशीष सिन्हा जी से मिली जानकारी के अनुसार महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सरगुजा राजपरिवार की ऐतिहासिक पहल के तहत शिवसागर बांध के पश्चिमी तट पर पैलेस छठ घाट के कंक्रीटीकरण और सौंदर्यीकरण की नींव रखी गई। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस महत्वपूर्ण परियोजना का शुभारंभ किया। यह घाट वर्षों से छठव्रतियों के लिए पूजन स्थल रहा है, लेकिन सुव्यवस्थित संरचना के अभाव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए सरगुजा राजपरिवार ने अपने निजी व्यय से घाट निर्माण का संकल्प लिया, जिसका पहला चरण अब साकार हो रहा है।

महाशिवरात्रि पर विधिवत शिलान्यास

 

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हुए इस शिलान्यास कार्यक्रम में विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा की गई। खास बात यह रही कि इस दौरान प्रयागराज कुंभ से लाए गए संगम जल का उपयोग कर विशेष अनुष्ठान संपन्न किया गया। पूजन के पश्चात यह पवित्र जल शिवसागर बांध में प्रवाहित किया गया, जिससे इस स्थल की पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक सशक्त किया जा सके। इस मौके पर पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की और अंबिकापुर की सबसे युवा पार्षद मेघा खांडेकर भी पूजा-अर्चना में सम्मिलित हुए।

टी.एस. सिंहदेव का संबोधन: “शहर के धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयास”

 

इस मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि,

“शिवसागर बांध ऐतिहासिक धरोहर है। छठव्रतियों की बढ़ती संख्या और सुविधाओं के अभाव को देखते हुए राजपरिवार ने घाट निर्माण की जिम्मेदारी ली है। यह सिर्फ घाट नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक समर्पित स्थान होगा, जहां वे सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से अपनी पूजा-अर्चना कर सकेंगे।”

 

उन्होंने यह भी कहा कि रियासतों के विलीनीकरण के बाद भी शिवसागर बांध की संपत्ति राजपरिवार के पास रही, लेकिन यह हमेशा आमजन के लिए खुली रही है। इसी भावना के साथ इसे और विकसित करने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण का निर्माण कार्य छठ पूजा से पहले पूरा कर लिया जाएगा, जिससे छठव्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

 

छठ घाट निर्माण का पहला चरण: 10,000 वर्गफुट क्षेत्र में विकास कार्य

 

शिवसागर बांध के पश्चिमी तट पर घाट निर्माण कार्य के पहले चरण के तहत 10,000 वर्गफुट क्षेत्र में कंक्रीटीकरण किया जाएगा। यह निर्माण 34 डिसमिल भूमि पर प्रस्तावित है, जिसमें 10-10 फुट के दो स्टेप्स बनाए जाएंगे ताकि श्रद्धालु सहजता से जल में प्रवेश कर सकें और पूजा कर सकें। इस कार्य को छठ पर्व 2025 से पहले पूर्ण करने की योजना है। भविष्य में शिवसागर बांध के दक्षिणी तट पर भी घाटों के निर्माण की योजना बनाई गई है ताकि यह स्थल छठ पर्व के लिए पूरे अंबिकापुर का सबसे सुव्यवस्थित स्थल बन सके।

 

छठ पर्व और पैलेस छठ घाट समिति का गठन

 

छठ पर्व को सुव्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए 2024 में सरगुजा राजपरिवार द्वारा ‘पैलेस छठ घाट समिति’ का गठन किया गया। इस समिति की अध्यक्षता चंद्रप्रकाश सिंह को सौंपी गई थी। वर्ष 2023 में इसी समिति के निर्देशन में पश्चिमी तट को व्यवस्थित कर सफल छठ महापर्व का आयोजन किया गया था। इस वर्ष इसे और अधिक बेहतर बनाने के लिए घाट का स्थायी निर्माण किया जा रहा है।

 

धार्मिक और सामाजिक समर्पण का परिचय

 

सरगुजा राजपरिवार हमेशा से अंबिकापुर के धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान में अग्रणी रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में अंबिकापुर को एक आदर्श धार्मिक स्थल बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। इससे पहले भी उन्होंने महामाया मंदिर के विकास, शिवसागर तालाब के संरक्षण और ऐतिहासिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है।

 

शिलान्यास समारोह में गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति

 

इस महत्वपूर्ण आयोजन में कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे, जिनमें श्री बालकृष्ण पाठक, जे.पी. श्रीवास्तव, अजय अग्रवाल, शफी अहमद, द्वितेन्द्र मिश्रा, मो. इस्लाम, रशीद अहमद, दुर्गेश गुप्ता, रविन्द्र सिंह तोमर, मदन जायसवाल, अनूप मेहता, गुरुप्रीत सिंधु, दिनेश सोनी, बबन सोनी, दीपक सिंह तोमर, नितीश चौरसिया, विकास केशरी, अतिश शुक्ला, आलोक गुप्ता, अमित सिंह, दिनेश शर्मा, रोशन कन्नौजिया, देवेश त्रिपाठी, अंशु गुप्ता, तरनजीत सिंह बाबरा, मनीष तिवारी, पूर्णिमा सिंह, किरण सिंह सहित अनेक लोग शामिल रहे।

 

अंबिकापुर के धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

 

इस परियोजना से न केवल छठव्रतियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि अंबिकापुर में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। शिवसागर बांध पहले से ही एक प्रमुख आकर्षण रहा है, और घाट निर्माण से यह और भी भव्य और सुव्यवस्थित स्वरूप लेगा। भविष्य में इस क्षेत्र में योग केंद्र, व्रतियों के लिए विश्राम स्थल और सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए एक मंच विकसित करने की योजना भी विचाराधीन है।

 

टी.एस. सिंहदेव की सतत विकास योजनाएँ

 

टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में अंबिकापुर और सरगुजा क्षेत्र में विकास के अनेक कार्य किए गए हैं। शिवसागर बांध का घाट निर्माण भी उसी श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले उन्होंने शहर के जल संरक्षण, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाओं और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को गति दी है। उनके नेतृत्व में अंबिकापुर को स्वच्छता और पर्यावरण संतुलन के मामले में राज्य के अन्य शहरों से आगे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

निष्कर्ष: छठ पर्व 2025 से पहले तैयार होगा भव्य घाट

 

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत छठ पर्व 2025 से पहले पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा। भविष्य में आवश्यकतानुसार और विस्तार किया जाएगा ताकि अंबिकापुर के श्रद्धालु छठ पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को पूरी सुविधा के साथ संपन्न कर सकें।

 

शिवसागर बांध का यह ऐतिहासिक विकास कार्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक उपहार होगा, बल्कि यह अंबिकापुर के धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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