छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरसींवा थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने आस्था और अंधविश्वास के चलते खुद की बलि दे दी। भुनेश्वर यादव नाम के इस व्यक्ति ने अपनी कुलदेवी को प्रसन्न करने के लिए यह कदम उठाया। इस खौफनाक घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। छत्तीसगढ़: आस्था के नाम पर अंधविश्वास, खुद की बलि देकर जान गंवाई
कैसे घटित हुई यह घटना?
भुनेश्वर यादव ने अपने घर में देवी ज्योत-जंवारा स्थापित किया था और अपनी कुलदेवी की प्रसन्नता के लिए पूजा-पाठ के साथ एक बकरे की बलि दी। लेकिन देवी के प्रकट न होने पर, उसने खुद की बलि देने का फैसला किया। परिवार के सदस्य जब काम पर गए हुए थे, तब 55 वर्षीय यादव ने अकेले में यह घातक कदम उठाया। उसने पूजा-अर्चना के बाद खुद की गर्दन कैंची से काट ली। छत्तीसगढ़: आस्था के नाम पर अंधविश्वास, खुद की बलि देकर जान गंवाई
खून से सना कमरा और पत्नी से अंतिम इशारों में संवाद
घटना के बाद भुनेश्वर की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य जब घर लौटे, तो कमरे का दृश्य देखकर सन्न रह गए। खून से सना कमरा, गला कटा हुआ और हाथ में कैंची लिए पड़े भुनेश्वर यादव को देखकर चीखें निकल गईं। भुनेश्वर यादव ने अंतिम क्षणों में अपनी पत्नी की ओर इशारे किए, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह कुछ बताना चाह रहा था। छत्तीसगढ़: आस्था के नाम पर अंधविश्वास, खुद की बलि देकर जान गंवाई
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अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम
परिवार और ग्रामीणों ने तत्काल एंबुलेंस बुलवाई, लेकिन अस्पताल ले जाते समय भुनेश्वर यादव ने दम तोड़ दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गांव वालों के अनुसार, यादव की मानसिक स्थिति कुछ समय से ठीक नहीं थी और उसने पूजा सामग्री के साथ कुछ अन्य सामान भी खरीदा था। छत्तीसगढ़: आस्था के नाम पर अंधविश्वास, खुद की बलि देकर जान गंवाई
गांव में मची सनसनी और अंधविश्वास के खिलाफ चेतना की जरूरत
इस घटना ने पूरे गांव में सनसनी फैला दी है और लोग अंधविश्वास और आस्था के नाम पर हो रही घटनाओं से सहम गए हैं। यह घटना बताती है कि अंधविश्वास किस तरह से जानलेवा साबित हो सकता है और समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़: आस्था के नाम पर अंधविश्वास, खुद की बलि देकर जान गंवाई
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