कम वजन वाले बच्चों के जन्म में गिरावट, महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी
संवाददाता: सौरभ साहू N भारत न्यूज
लोकेशन: बैकुंठपुर, जिला कोरिया (छत्तीसगढ़)
बैकुंठपुर।
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य और पोषण सुधार में एक नया अध्याय लिखा है। ‘कोरिया मोदक’ नामक नवाचार ने गर्भवती महिलाओं की सेहत सुधारने के साथ ही नवजात शिशुओं में कम वजन (LBW) के जन्म की समस्या को आश्चर्यजनक रूप से कम कर दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कुपोषण उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने फरवरी 2025 से डीएमएफ मद से “कोरिया मोदक” पहल की शुरुआत कराई। अब तक दो हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को रोज़ाना दो पौष्टिक लड्डू दिए जा चुके हैं।
आंकड़े बताते हैं सफलता
- LBW जन्म दर 15% से घटकर मात्र 5% तक आ गई।
- सोनहत विकासखंड में जनवरी–मई 2025 तक 348 प्रसव हुए, जिनमें 336 गर्भवती महिलाओं को लड्डू दिए गए। LBW दर 8.16% से घटकर 5.33% पर आ गई।
- बैकुंठपुर विकासखंड में 1464 गर्भवती महिलाओं को जोड़ा गया, जिनमें LBW 14.49% से घटकर 6.09% दर्ज किया गया।

महिलाओं की आजीविका भी मजबूत
ग्राम आनी के ज्योति स्व-सहायता समूह और माँ शारदा समूह की 25 महिलाएँ प्रतिदिन 1500–2000 “कोरिया मोदक” तैयार कर रही हैं। अब तक 3 लाख से अधिक लड्डू वितरित किए जा चुके हैं। प्रत्येक महिला को महीने में 10–12 हज़ार तक की आय हो रही है, यानी 5 महीनों में लगभग 60 हज़ार रुपए की कमाई।
स्थानीय समाधान से राष्ट्रीय मॉडल की ओर
कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने कहा –
“गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त पोषण देना बेहद ज़रूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ और सबल हो। कोरिया मोदक सिर्फ़ लड्डू नहीं, बल्कि स्वाद और सेहत का संगम है।”
जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने भी कहा कि इस पहल को और अधिक सघन तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि हर गर्भवती महिला तक इसका लाभ पहुँचे।

निष्कर्ष
“कोरिया मोदक” ने साबित किया है कि यह केवल एक लड्डू नहीं, बल्कि पोषण, महिला सशक्तिकरण और आने वाली पीढ़ियों के स्वस्थ भविष्य की गारंटी है। यह पहल अब राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक अनुकरणीय मॉडल बनने की ओर बढ़ रही है।
