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रायपुर।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पहले से ही घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) ने इस बार लापरवाही की हदें पार कर दी हैं। महासमुंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी के लिए भेजे गए सर्जिकल ब्लेड में जंग लगा पाया गया, जिससे पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
ऑपरेशन थिएटर में खुली पोल
जानकारी के मुताबिक, जब अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर (OT) में मरीज की सर्जरी की तैयारी चल रही थी, तभी सर्जिकल उपकरणों का पैकेट खोला गया। OT स्टाफ हैरान रह गया जब देखा कि ब्लेड जंग खाए हुए थे और उनकी पैकिंग भी खराब थी। साथ ही, सप्लाई किए गए ग्लव्स की गुणवत्ता भी बेहद घटिया थी।
OT इंचार्ज ने इस बात की जानकारी तुरंत अस्पताल प्रबंधन को दी। अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. बसंत माहेश्वरी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा,
“OT स्टाफ ने बताया कि ब्लेड में जंग लगी है और उनकी पैकिंग खराब है। ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल सेप्टिक और जानलेवा संक्रमण फैला सकता है, इसलिए इनका उपयोग तुरंत रोका गया।”
CGMSC की लापरवाही कोई नई बात नहीं
CGMSC की सप्लाई को लेकर पहले भी कई बार गंभीर आरोप लगे हैं।
- अमानक प्रेग्नेंसी किट: पहले भी घटिया क्वालिटी की किट सप्लाई की गई थी।
- ग्लूकोज किट में गड़बड़ी: ड्रिप के बाद मरीजों को साइड इफेक्ट होने की शिकायतें आई थीं।
- मिर्गी की दवा: अमानक दवाएं सप्लाई करने का मामला सामने आया था।
660 करोड़ का घोटाला और गिरफ्तारी
CGMSC पहले से ही 660 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में जांच का सामना कर रहा है।
- EOW जांच में खुलासे: अब तक आधा दर्जन से अधिक अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं।
- पसंदीदा कंपनियों को लाभ: हाल ही में एक उपमहाप्रबंधक स्तर के अधिकारी को विशेष कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप में हटाया गया है।
कब रुकेगा यह खेल?
सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई हर बार चौंकाती है। जंग लगे ब्लेड और घटिया दवाइयां मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ हैं। इस तरह की घटनाओं से साफ है कि CGMSC में व्यवस्था की सड़ांध अब बाहर दिखने लगी है।
✍️ संपादक: रवि शंकर गुप्ता
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