➡️ 17 मामलों में 1.70 करोड़ की ठगी में शामिल थे आरोपी, प्रयागराज एयरपोर्ट से पकड़े गए गिरोह के सदस्य
कोंडागांव | 2 जुलाई 2025 | N. Bharat News
थाना फरसगांव पुलिस को साइबर अपराध की दुनिया में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने 11 राज्यों में कुल 17 साइबर फ्रॉड मामलों में वांछित 5 अंतरराज्यीय आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन मामलों में कुल ठगी की राशि करीब 1 करोड़ 70 लाख रुपये बताई जा रही है।
इन आरोपियों को एसडीओपी फरसगांव अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में बनी विशेष टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है।
🔎 पुलिस मुख्यालय रायपुर से मिले निर्देशों के आधार पर फरसगांव थाना में म्यूल खातों से जुड़ी धोखाधड़ी की गंभीर जांच शुरू की गई थी। अपराध क्रमांक 46/2025 के तहत सबसे पहले भावेश तारम नामक आरोपी को पकड़ा गया, जिसकी पूछताछ में गिरोह के अन्य लेयर-3 और लेयर-4 के सदस्यों के नाम सामने आए।
🚨 गिरफ्तार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:
- जे सुघाकर पटनायक – खुर्सीपार, दुर्ग
- रवि साहू – बैकुंठ नगर, भिलाई
- दुर्गेश सोनी – गुरुघासीदास नगर, भिलाई
- चंदन विश्वकर्मा – भिलाई, जिला दुर्ग
- प्रभाकर राय – बोरगांव, थाना फरसगांव
✈️ विशेष बात यह रही कि पुलिस दबिश की भनक लगते ही आरोपी बिलासपुर से भागकर फ्लाइट से प्रयागराज निकल गए। परंतु पुलिस की सतर्कता, तकनीकी विश्लेषण और CISF व प्रयागराज एयरपोर्ट पुलिस के सहयोग से सभी आरोपियों को एयरपोर्ट से ही दबोच लिया गया।
👮 जांच टीम में विशेष योगदान:
- एसपी वाय अक्षय कुमार
- एएसपी कौशलेन्द्र देव पटेल
- एसडीओपी अभिनव उपाध्याय
- थाना प्रभारी संजय सिन्दे
- सायबर सेल और तकनीकी विश्लेषक टीम
💼 जप्त संपत्ति:
- कुल 8 मोबाइल फ़ोन, 6 एटीएम कार्ड, नगद राशि ₹5,900
- 34 बैंक खातों की जानकारी मिली, जिनमें कुल ₹9.39 लाख होल्ड किए गए हैं।
📌 गिरोह का तरीका-ए-वारदात:
गिरोह म्यूल खाताधारकों से पैसे के लालच में उनके बैंक खातों की पूरी जानकारी (ATM, पासबुक, मोबाइल सिम आदि) लेकर लेयर-2 और लेयर-3 तक बेचता था। इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी, सेक्सटॉर्शन, फेक ट्रेडिंग, और अंतरराष्ट्रीय स्कैम में किया जाता था।
🧠 पुलिस अब अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क कर रही है ताकि बाकी मामलों में भी आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
➡️ फरसगांव पुलिस की इस कार्यवाही से न केवल एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी साइबर अपराध से निपटने का उदाहरण बन गया है।
