वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की समीक्षा बैठक, वैध आपूर्ति और निगरानी पर जोर
रायपुर। प्रदेश में रेत के अवैध खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए खनिज सचिव पी. दयानंद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के कलेक्टरों और खनिज अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि रेत के अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाए और वैध स्रोतों से रेत की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
समीक्षा बैठक में खनिज संचालक रजत बंसल भी मौजूद रहे। सचिव दयानंद ने कहा कि अवैध खनन से खनिज राजस्व की हानि हो रही है, जिसे रोकना शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने जिला टास्क फोर्स को सक्रिय करते हुए सतत निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए।
सचिव ने कहा कि स्वीकृत रेत खदानों का संचालन पर्यावरणीय स्वीकृति में निर्धारित सीमा के अनुसार विधिसम्मत रूप से किया जाए। खनिज राजस्व की समय पर वसूली और अवैध स्रोतों से होने वाली आपूर्ति पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।
बैठक में आगामी तीन माह के भीतर अधिकाधिक रेत खदानों की पहचान कर ई-नीलामी के माध्यम से आबंटन के निर्देश दिए गए। साथ ही, पाँच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली खदानों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति देने पर बल दिया गया।
बारिश के दौरान 10 जून से 15 अक्टूबर तक लागू खनन निषेध अवधि को देखते हुए, भंडारण अनुज्ञप्तियों के माध्यम से रेत की उपलब्धता बनाए रखने हेतु अग्रिम योजना बनाने को कहा गया।
सचिव दयानंद ने यह भी निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना समेत अन्य निर्माण कार्यों में केवल अधिकृत स्रोतों से ही रेत की आपूर्ति हो। उन्होंने चेतावनी दी कि रेत प्रबंधन में लापरवाही बरतने पर संबंधित खनिज अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली में इसका प्रभाव डाला जाएगा।
बैठक में रेत की उपलब्धता, पर्यावरणीय स्वीकृति के लंबित मामलों के शीघ्र निपटान और अवैध गतिविधियों पर निगरानी के लिए स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करने पर सहमति बनी।
