N bharat,,,बिलाईगढ़ : छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवम्बर दिसम्बर सत्र में बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक श्रीमती कविता प्राण लहरे ने अपने क्षेत्र के हजारों किसानों से जुड़ा एक अत्यंत गंभीर मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने सहकारिता विभाग की लापरवाही और अनावश्यक देरी को कटघरे में खड़ा करते हुए तारांकित प्रश्न लगाया, जिसका जवाब 17 दिसंबर को सदन में दिया जाएगा।

विधायक कविता प्राण लहरे ने कहा कि बिलाईगढ़ और पवनी क्षेत्र के किसानों को ऋण, खाद-बीज वितरण तथा सामान्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए लगातार परेशान होना पड़ रहा है। जबकि दोनों ही क्षेत्रों में सहकारिता विभाग द्वारा नई सहकारिता बैंक स्वीकृत कर दी गई हैं, फिर भी आज तक संचालन आरंभ नहीं हुआ है।
उन्होंने मंत्री महोदय से इस संबंध में तीन प्रमुख सवाल पूछे—
(क) क्या यह सत्य है कि सहकारिता विभाग द्वारा बिलाईगढ़ एवं पवनी में नई सहकारिता बैंक स्वीकृत की गई हैं,
लेकिन स्वीकृति के बाद भी संचालन शुरू नहीं हुआ?
(ख) यदि यह सत्य है, तो
– किसानों को ऋण न मिलने,
– खाद–बीज वितरण बाधित होने,
– तथा आवश्यक बैंकिंग सेवाएँ न मिलने के कारण
किसानों को गंभीर असुविधा हो रही है।
विधायक ने पूछा कि इस अनावश्यक देरी के क्या कारण हैं और इसके लिए विभागीय स्तर पर कौन उत्तरदायी है?
(ग) उन्होंने आगे पूछा कि—
किसानों की लगातार बढ़ती समस्याओं को देखते हुए विभाग ने इन बैंकों को शीघ्र शुरू करने के लिए अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं?
इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट तिथि बताने की मांग की कि इन बैंकों का संचालन कब से शुरू होगा, ताकि किसानों को अन्य क्षेत्रों के बैंक पर निर्भर न रहना पड़े।
17 दिसंबर को होगा बड़ा जवाब
इस महत्वपूर्ण प्रश्न का सरकारी जवाब 17 दिसंबर को सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसे में पूरे बिलाईगढ़ एवं पवनी क्षेत्र के किसान व आम नागरिक इस जवाब का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, क्योंकि बैंक शुरू होने से— ऋण वितरण
खाद–बीज उपलब्धता
किसान क्रेडिट कार्ड संचालन
फसल ऋण नवीनीकरण
नकद लेन–देन
जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ सीधे स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगी।
किसानों में आक्रोश, विधायक ने उठाई आवाज़
स्थानीय किसानों का कहना है कि बैंक स्वीकृत हुए कई साल बीत गए, लेकिन जमीन पर काम शुरू नहीं हुआ।
विधायक ने किसानों की इस पीड़ा को विधानसभा में मजबूती से रखते हुए कहा
क्षेत्र के किसानों को बरसों से भरोसा दिया जा रहा है, पर आज भी वे बैंकिंग सेवाओं के लिए दूसरे इलाकों में भटकने को मजबूर हैं। अब सरकार जवाब दे कि आखिर देरी क्यों हो रही है।
