खनिज के दोहन के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ – नवनीत चांद
“प्रबंधन और प्रशासन मांगों पर गंभीरता बरते, अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन होगा” – रेमो मरकाम, रामनाथ नेगी
किरंदुल (दंतेवाड़ा)।
खनिज संपदाओं के निरंतर दोहन के बावजूद स्थानीय लोगों को लाभ नहीं मिलने और क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा ने किरंदुल में एक दिवसीय धरना एवं प्रदर्शन किया।
धरने के दौरान संगठन पदाधिकारियों ने स्थानीय जनता के हितों की रक्षा के लिए अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर एनएमडीसी परियोजना अधिशासी निदेशक एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) बचेली के नाम ज्ञापन सौंपा।
🔹 जनता कांग्रेस के संभागीय अध्यक्ष नवनीत चांद ने रखी प्रमुख मांगें
नवनीत चांद ने कहा कि किरंदुल क्षेत्र की जनता को अभी तक खनिज संपदा का वास्तविक लाभ नहीं मिल सका है।
उन्होंने ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ज़ोर दिया, जिनमें शामिल हैं —
- स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता और एनएमडीसी में ठेका श्रमिक कार्यों में उनकी भागीदारी।
- बचेली वार्ड 9 और 12 में जारी नोटिसों के संदर्भ में उचित पुनर्वास नीति और आवश्यक सुविधाएँ।
- 2024 की बाढ़ राहत राशि एवं जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करना।
- एलएनटी में पहाड़ धंसने से हुई मौत की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करना।
- सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल निर्माण में देरी को लेकर एनएनबीसी से जवाबदेही तय करना।
- बाहर से आए लोगों के पुलिस वेरीफिकेशन को तत्काल रद्द करना और आगे प्रतिबंध लगाना।
- अपोलो अस्पताल में आदिवासियों एवं नगर पालिका क्षेत्रवासियों के लिए मुफ्त इलाज और दवाइयाँ।
🔹 प्रशासन नहीं चेता तो होगा चरणबद्ध आंदोलन
दंतेवाड़ा जिला अध्यक्ष रेमो मरकाम और संभागीय महामंत्री रामनाथ नेगी ने कहा कि
“अगर प्रशासन और एनएमडीसी प्रबंधन ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा को चरणबद्ध आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि आगामी दौर में चक्का जाम सहित बड़े प्रदर्शन किए जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और प्रबंधन की होगी।
🔹 धरने में शामिल रहे पदाधिकारी
धरने में संगठन के अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से
रामनाथ नेगी, उदय राम बांडारी, प्रसाद राजू, रैमोन मड़कामी, शिशुपाल पोयाम, कुर्सोराम मौर्य, लखमा कोहराम, रमेश यादव, जयपाल यादव, हिड़मा पोडियम, सुभाष बिहार, विजय सुहानी, गीता नायक, संतोषी नायक, दिवान नायक, जगदीश नायक, बिमला मरकाम, प्रिया तामो आदि शामिल रहे।
📍यह धरना क्षेत्रीय असमानता, रोजगार संकट और खनिज लाभ वितरण की पारदर्शिता को लेकर जनता की बढ़ती नाराज़गी का संकेत माना जा रहा है।
