जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने धरना देकर मांगा जवाब, कहा – “सुकमा का विकास बस्तर की रीढ़ है”
संपादक – रविशंकर गुप्ता
संवाददाता – सौरभ साहू, सुकमा (छत्तीसगढ़)
सुकमा।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने सुकमा में व्याप्त जनसमस्याओं को लेकर स्थानीय बस स्टैंड में एक दिवसीय जंगी धरना दिया। पार्टी ने मंच से ही 11 सूत्रीय मांगों के माध्यम से राज्य सरकार, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि जनता के मुद्दों पर अब समझौता नहीं होगा।
धरना स्थल पर संभागीय अध्यक्ष नवनीत चांद ने कहा कि “सुकमा का विकास बस्तर के विकास की कुंजी है, लेकिन यहां दलालों और भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। सरकार जिम्मेदारियों से भाग रही है और जनता की आवाज़ अनसुनी की जा रही है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क योजना और पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़कों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर ईडी जांच की मांग करते हुए कहा कि एनएच-30 की खस्ताहाल स्थिति तत्काल सुधारी जाए।
जिलाध्यक्ष पी. प्रसाद राजू ने कहा कि जनता कांग्रेस सुकमावासियों के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है। उन्होंने कहा कि “बाढ़ पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, जबकि रेत माफिया खुलेआम लूट मचा रहे हैं। जरूरत है कि सरकार आदिवासी और ग्रामीणों की सुध ले, न कि दलालों की।”
धरने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, जिसमें निम्न प्रमुख मांगें शामिल थीं —
- सुकमा के नगरीय आवासों को पट्टा प्रदान किया जाए।
- बाढ़ एवं डूबान प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मुआवजा दिया जाए।
- प्रधानमंत्री सड़क योजना व पीडब्ल्यूडी की भ्रष्ट परियोजनाओं की ईडी जांच हो।
- रेत माफियाओं पर प्रतिबंध लगाकर जब्त वाहन राजसात किए जाएं।
- सड़क, बिजली, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
धरने में बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के सदस्य और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
इस दौरान चित्रकूट विधानसभा अध्यक्ष कमल बघेल, ब्लॉक अध्यक्ष गौतम दास, कोषाध्यक्ष भूमित दास बघेल, शिवराम कश्यप, पकलू कश्यप, मानसिंह बघेल, रेमन मरकाम, धर्मेंद्र सिंह, अंजू हुसैन सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
धरना के अंत में जनता कांग्रेस ने कहा कि यदि सुकमा की मांगों पर सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
