जगदलपुर।
भोले-भाले ग्रामीणों और आदिवासियों की जमीन पर दलालों की नज़र लगातार गहराती जा रही है। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेतृत्व में बस्तर के जननेता नवनीत चांद के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने आज तहसीलदार कार्यालय पहुँचकर अपनी पीड़ा रखी।
ग्रामीणों ने बताया कि मिलीभगत से जमीन दलाल दशकों से रह रहे निवासियों की भूमि पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। फर्जी पट्टे, नक्शे और रजिस्ट्री के जरिए ज़मीनों का बंटवारा किया जा रहा है — जिससे आदिवासी परिवारों को उजाड़े जाने का खतरा मंडरा रहा है।
नवनीत चांद ने कहा —
“यह जागने का समय है। भू-माफिया फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे ग्रामीणों को उनकी ही ज़मीन से बेदखल कर रहे हैं। प्रशासन को तुरंत जांच और कार्रवाई करनी चाहिए।”
मुक्ति मोर्चा ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए संपूर्ण प्रकरण की जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।
संयोजक ने सवाल उठाया कि —
“जब शिकायतें कलेक्टर और अन्य अधिकारियों तक बार-बार पहुँचाई गई हैं, तब भी प्रशासन की चुप्पी भू-माफियाओं की हिम्मत बढ़ा रही है। क्या प्रशासन खुद मिलीभगत में शामिल है?”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते ग्रामीणों को न्याय नहीं मिला, तो बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) जिला प्रशासन के कार्यालयों का घेराव करेगी।
इस दौरान मंच पर मौजूद प्रमुख कार्यकर्ताओं में मोतीराम गोयल, समनलू कश्यप, बकतूराम गोयल, भारत गोयल, सुदर्शन बघेल, किरण कश्यप, प्रिया यादव, मेहताब सिंह, सुरेश कुमार नाग, आकाश जॉन, कमल बघेल, निहारिका बघेल, इरफान हुसैन, अंजू हुसैन, सूरज गायकवाड़ सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
