मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन पर उठ रहे सवाल
संवाददाता – सौरभ साहू
लोकेशन – सूरजपुर
सूरजपुर, 01 अक्टूबर 2025।
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था खुद बीमार होती दिख रही है। जिला अस्पताल सूरजपुर में डॉक्टरों की मनमानी और प्रशासनिक ढिलाई के कारण मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन अस्पताल की व्यवस्था संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

समय पर नहीं पहुँचते डॉक्टर
नियम के अनुसार अस्पताल में चिकित्सकों की ड्यूटी सुबह 9 बजे से शुरू होनी चाहिए। लेकिन हकीकत यह है कि अधिकतर डॉक्टर 10 बजे के बाद ही पहुँचते हैं। इस वजह से सुबह जल्दी आने वाले मरीज घंटों लाइन में खड़े रहते हैं।
बीच में भी रहते गायब
मरीजों का कहना है कि डॉक्टर देर से आने के बाद भी अपने चैंबर में नियमित रूप से नहीं बैठते। कई बार गंभीर मरीज उन्हें ढूँढते रह जाते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दोपहर से पहले ही निकल जाते हैं
जानकारी के अनुसार कई चिकित्सक दोपहर 1 बजे से पहले ही अस्पताल छोड़ देते हैं। शाम की पाली में तो हालत और भी बदतर है। अधिकांश चिकित्सक ड्यूटी पर पहुँचते ही नहीं, जिसके चलते शाम को आने वाले मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ता है।
मरीजों की बढ़ती परेशानी
इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। खासकर दूर-दराज़ से आने वाले ग्रामीण मरीजों को इलाज के लिए पूरा दिन बर्बाद करना पड़ता है और अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ता है।
प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस, नियमित निरीक्षण और सख्त कार्रवाई जरूरी है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब स्वास्थ्य मंत्री का ही संभागीय जिला अस्पताल बदहाल है, तो बाकी जिलों की स्थिति कैसी होगी?
लोगों को उम्मीद है कि वर्तमान कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग इस ओर तुरंत ध्यान देंगे और अस्पताल की अव्यवस्था पर लगाम लगाएंगे।
